ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स का शेयर शुक्रवार के कारोबार के दौरान बीएसई पर तीन फीसदी लुढ़ककर 802.25 रुपये पर आ गया क्योंकि कंपनी ने ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज (GLS) में 75 फीसदी हिस्सेदारी निरमा को 615 रुपये प्रति शेयर की दर पर 5,652 करोड़ रुपये में बेचने का सौदा किया था। इस विनिवेश के बाद ग्लेनमार्क फार्मा के पास जीएलएस में 7.84 फीसदी हिस्सेदारी रह जाएगी।
पिछले दो कारोबारी दिनों के दौरान ग्लेनमार्क फार्मा के शेयर का मूल्य अपने 52 सप्ताह के शीर्ष स्तर 879 रुपये से नौ प्रतिशत गिर गया। पिछले एक महीने के दौरान इस शेयर में छह फीसदी की तेजी आई है।
ग्लेनमार्क फार्मा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा ‘कंपनी ने अपनी सहायक कंपनी जीएलएस में 75 फीसदी हिस्सेदारी प्रति शेयर 615 रुपये की कीमत पर कुल 5,652 करोड़ में बेचने के लिए निरमा के साथ निश्चित करार किया है, जो समापन समायोजन और आवश्यक मंजूरी पर निर्भर करेगा।’
जीएलएस एक्टिव फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) बनाती है। ग्नेलमार्क फार्मा के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा कि यह सौदा त्वचाविज्ञान, श्वसन और ऑन्कोलॉजी के अपने मुख्य चिकित्सीय क्षेत्रों पर लगातार ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ नवोन्मेषी/ब्रांड-अगुआ संगठन बनने के लिए मूल्य श्रृंखला को आगे बढ़ाने के ग्लेनमार्क के रणनीतिक इरादे के अनुरूप है।
साबुन से लेकर सीमेंट क्षेत्र तक में व्याप्त उत्पादों वाली निरमा जीएलएस के सभी सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए अनिवार्य खुली पेशकश करेगी।
ग्लेनमार्क फार्मा अपने प्रमुख बाजारों में लगातार वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करती रहेगी। कंपनी ने कहा कि शुद्ध नकदी सकारात्मक बैलेंस शीट के साथ प्रतिफल अनुपात पर जोर दिया जाएगा, जो अंततः अपने शेयरधारकों के लिए मूल्य पैदा करेगा। इस सौदे से प्राप्त आय का इस्तेमाल वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में 4,627 करोड़ का सकल ऋण कम करने के लिए किया जाएगा। वित्त वर्ष 23 में कंपनी के पास 1,470 करोड़ की नकदी थी।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अब्दुलकादर पूरनवाला और रोहन जॉन ने कहा कि इस प्रस्तावित सौदे से वित्त वर्ष 25 के 17,200 करोड़ रुपये के राजस्व अनुमान पर 10 प्रतिशत का नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके अलावा परिचालन लाभ मार्जिन 150 आधार अंक (बीपीएस) कम हो सकता है, हालांकि ऋण भुगतान से इस असर की आंशिक रूप से भरपाई हो सकती है।
इस विनिवेश से कर्ज का मौजूदा बोझ तो कम हो जाएगा, लेकिन दीर्घावधि में इसे प्रति वर्ष 1,300 करोड़ रुपये से लेकर 1,400 करोड़ रुपये तक के अपने अनुसंधान एवं विकास के बजट के लिए नकदी की जरूरत बनी रहेगी। इसे ‘रयाल्ट्रिस’ की विपणन लागत और नुकसान में चल रहे अमेरिकी जेनेरिक कारोबार के लिए भी पैसे की जरूरत है।
इस शेयर पर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की ‘सेल’ रेटिंग है। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के तुषार मनुधाने की अगुआई वाले विश्लेषकों के अनुसार इसे हिस्सेदारी बिक्री से ग्लेनमार्क फार्मा की ऋण संबंधी चिंता दूर हो जाएगी। दरअसल इसके पास नवोन्मेषी पाइपलाइन को पुन: व्यवस्थित करने और ब्रांडेड जेनेरिक कारोबार में सुधार करने के लिए अतिरिक्त नकदी होगी।