घरेलू डेट यानी ऋण बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का शुद्ध निवेश अक्टूबर में चालू कैलेंडर वर्ष में तीसरी बार सबसे अधिक रहा। बाजार कारोबारियों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के बीच ऊंचे प्रतिफल की चाह में विदेशी निवेशकों ने भारतीय ऋण बाजार पर जोर दिया है।
नैशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार डेट में एफपीआई निवेश अक्टूबर में 6,322 करोड़ रुपये रहा, जो सितंबर में 768 करोड़ रुपये था।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि ज्यादातर निवेश कॉरपोरेट बॉन्डों के माध्यम से आया। सरकारी बॉन्डों में ज्यादा तेजी दर्ज नहीं की गई, क्योंकि अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्डों और घरेलू सरकारी बॉन्डों के बीच प्रतिफल अंतर लगातार सीमित बना हुआ है।
बॉन्ड बाजार विश्लेषक एवं रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘ऊंचे प्रतिफल वाले कॉरपोरेट बॉन्ड निर्गमों में तेजी आई है। प्रतिफल भी बढ़ा है। इसलिए अब लोगों ने ऊंचे प्रतिफल पर ध्यान देना शुरू कर दिया है, क्योंकि सरकारी बॉन्ड और अमेरिकी बॉन्ड के बीच ज्यादा अंतर नहीं रह गया है।’
प्रतिफल में अक्सर ज्यादा अंतर भारतीय बॉन्डों को विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मददगार होता है, क्योंकि इन बॉन्डों से संभावित प्रतिफल अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्डों के मुकाबले ज्यादा होता है। प्रतिफल में कम अंतर से संकेत मिलता है कि एक प्रकार के बॉन्ड में दूसरे प्रकार के निवेश से संभावित अतिरिक्त प्रतिफल कम हो गया है, इसलिए विदेशी निवेशक सुरक्षित विकल्प में निवेश पसंद करते हैं।
10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड और घरेलू बेंचमार्क बॉन्ड के बीच प्रतिफल अंतर अक्टूबर में 9 आधार अंक तक घट गया। सितंबर में इस अंतर में 40 आधार अंक तक की गिरावट आई थी। 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल शुक्रवार को 7.31 प्रतिशत पर रहा। इस बीच 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी नोट भारतीय बाजार के बंद होने के समय 4.64 प्रतिशत पर कारोबार कर रहा था।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल और अक्टूबर के बीच ऋण प्रतिभूतियों में शुद्ध एफपीआई निवेश 32,103 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान इनमें 1601 करोड़ रुपये की निकासी दर्ज की गई थी। बाजार कारोबारियों का कहना है कि जेपी मॉर्गन सूचकाकं में भारत के बॉन्ड शामिल किए जाने से भी घरेलू ऋण बाजार में निवेश बढ़ा है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में प्राइमरी डीलरशिप के उपाध्यक्ष नवीन सिंह ने कहा, ‘बॉन्ड को जेपी मॉर्गन सूचकांक में शामिल किए जाने से निवेशकों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।’ जेपी मॉर्गन ने अपने प्रमुख सूचकांक जीबीआई-ईएम ग्लोबल डाइवर्सिफाइड इंडेक्स में भारत को शामिल किया है।