क्विक कॉमर्स एवं लॉजिस्टिक्स कंपनी डंजो में शीर्ष स्तर पर दूसरे इस्तीफे के बावजूद कंपनी 300 से 400 करोड़ रुपये जुटाने के लिए निवेशकों से प्रस्ताव हासिल किए हैं। इस मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि रकम जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत जारी है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि रकम जुटाने की इस प्रक्रिया में रिलायंस भी शामिल है, लेकिन वह निवेश में अग्रणी भूमिका नहीं निभाएगी। सूत्रों ने कहा, ‘कंपनी में रिलायंस की 26 फीसदी हिस्सेदारी पहले से ही है और अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में उसकी खास दिलचस्पी नहीं है। मगर उसने कंपनी से कहा है कि वह रकम जुटाने की प्रक्रिया में मदद करेगी।’
रिलायंस और गूगल के निवेश वाली डंजो में शीर्ष स्तर के अधिकारी का दूसरा इस्तीफा दिख सकता है। कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) मुकुंद झा इस्तीफा दे सकते हैं।
इस बीच सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने तीन महीनों से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है। झा के इस्तीफे की खबर से कुछ दिन पहले ही डंजो के एक अन्य सह-संस्थापक दलवीर सूरी ने भी इस्तीफा दिया था। वह 2015 में बतौर सह-संस्थापक डंजो से जुड़े थे।
इस बाबत जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए ईमेल के जवाब में डंजो के प्रवक्ता ने कहा, ‘मुकुंद डंजो की नेतृत्व टीम का अभिन्न हिस्सा बने रहेंगे। हम नए अधिकारियों के साथ अपने संगठन को नई शक्ल दे रहे हैं। मुकुंद रणनीतिक नेतृत्व टीम का अहम हिस्सा बने रहेंगे और डंजो की भविष्य की रूपरेखा के लिए मार्गदर्शन करेंगे।’
हालांकि झा के इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन जानकारों का कहना है कि उन्होंने कंपनी के दैनिक कामकाज से खुद को अलग कर लिया है। वह कुछ हफ्तों में अपने अगले कदम की घोषणा कर सकते हैं। खबरों के अनुसार झा और सूरी दोनों कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे चुके हैं। झा ने 1 सितंबर को और सूरी ने 29 अगस्त को इस्तीफा दिया था।
पिछले दो महीनों में बेंगलूरु की इस स्टार्टअप के निदेशक मंडल से पांच लोगों के इस्तीफे की खबर है। सूरी और झा के अलावा इस्तीफा देने वालों में रिलायंस रिटेल के अश्विन खासगीवाला एवं राजेंद्र कामत और लाइटरॉक की वैदेही रवींद्रन भी हैं। तीनों ने अगस्त में इस्तीफा दिया था।
उद्योग सूत्रों का कहना है कि रिलायंस रिटेल के प्रतिनिधियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दिया था कि डंजो रकम न जुटा पाए तो उसकी कोई जवाबदेही और देनदारी नहीं रहे। रिलायंस को इस बारे में भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया। डंजो के बोर्ड में अब महज उसके सह-संस्थापक एवं सीईओ कबीर विश्वास, लाइटबॉक्स के सिद्धार्थ तलवार और एसआईटीसी इन्वेस्टमेंट्स के हॉन्गजिम किम शामिल हैं।