भारत की वाहन बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सितंबर महीने में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले वाहनों की बिक्री 20 फीसदी बढ़कर 18.9 लाख गाड़ियों की हो गई।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़े दर्शाते हैं कि बेहतर मॉनसून और बाजार धारणा सकारात्मक रहने के कारण वाहनों की बिक्री में इजाफा हुआ है।
हालांकि ट्रैक्टर की बिक्री में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। ट्रैक्टर को छोड़कर सभी श्रेणियों में वृद्धि देखी गई है। दो पहिया वाहनों की बिक्री में 22 फीसदी की जोरदार वृद्धि हुई है, तीन पहिया वाहनों की बिक्री 49 फीसदी बढ़ी है। यात्री वाहनों की बिक्री में भी 19 फीसदी का इजाफा हुआ है और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 5 फीसदी बढ़ गई है।
सितंबर में तीन पहिया वाहनों की बिक्री सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। पिछले साल सितंबर के 68,937 गाड़ियों के मुकाबले इस साल सितंबर में 1,02,426 तीन पहिया वाहनों की बिक्री हुई है। इसने अगस्त 2023 में बनाए गए 99,907 गाड़ियों की रिकॉर्ड बिक्री को भी पछाड़ दिया है।
हालांकि, डीलरों के लिए चिंता का कारण भंडार का बढ़ता स्तर हो गया है। यह 60 से 65 दिनों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
इस बीच उद्योग दुर्गा पूजा और नवरात्रि सहित आने वाले त्योहारी सीजन को लेकर आशावादी बना हुआ है। फाडा के प्रेसिडेंट मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ‘सितंबर के वाहनों की बिक्री ने एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 20 फीसदी की छलांग लगाई। पिछले महीने की गति को जारी रखते हुए मासिक आधार पर भी 3.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की।’
समीक्षाधीन अवधि के दौरान, दोपहिया वाहन खंड में पिछले साल की 10.8 लाख गाड़ियों की बिक्री से बढ़कर इस साल 13.1 लाख गाड़ियों की बिक्री हो गई।
सिंघानिया ने कहा, ‘नए मॉडलों के बाजार में आने और बढ़ते प्रचार के कारण खास कर से ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ी। इससे बाजार की धारणा में सुधार हुआ। मांग में यह बढ़ोतरी ग्राहकों की बढ़ती संख्या और समग्र रूप से सकारात्मक बाजार प्रतिक्रिया के साथ थी।’
उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में स्टॉक की बेहतर उपलब्धता और नए पेश किए गए शुरुआती स्तर के वाहनों को भी ग्राहकों ने हाथों हाथ लिया, जिसने आगामी त्योहारी सीजन के लिए आशावादी माहौल बनाया है।
इस साल सितंबर में कोयला, सीमेंट और सामान्य बाजार भार क्षेत्रों में उल्लेखनीय मांग को देखते हुए एक लचीले वाणिज्यिक वाहन खंड भी दर्शाया गया है। यात्री वाहन खंड में भी वृद्धि देखी गई है।
फाडा ने कहा कि इस सकारात्मक प्रवृत्ति का श्रेय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्र सरकार से पर्याप्त धन मिलने को दिया जा सकता है, जिसने खासकर टिपर और सरकारी क्षेत्रों में थोक सौदों के लिए माहौल को बढ़ावा दिया है। महीने के दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पिछले साल के 77,054 गाड़ियों से बढ़कर 80,804 हो गई।