ट्विटर जल्द ही उन ट्वीट को चिह्नित (लेबल लगाना) करना शुरू करेगी जो इसके अनुसार वैमनस्य फैलाने वाली सामग्री के प्रकाशन के रोक से जुड़े नियमों का उल्लंघन करते हैं। सोशल मीडिया कंपनी प्रकाशित सामग्री की गुणवत्ता बरकरार रखने और ट्वीट की पहुंच नियंत्रित करने के तौर-तरीकों में पारदर्शिता लाने के लिए यह पहल कर रही है।
ट्विटर ने कहा कि उसने नियम लागू करने की अपनी नीति ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के सिद्धांत के आधार पर अद्यतन की है, न कि ‘अभिव्यक्ति की पहुंच’ के आधार पर। ट्विटर की नीतियों का उल्लंघन करने वाले ट्वीट खोज परिणामों (सर्च रिजल्ट), ट्रेंड्स और अनुशंसा वाले नोटिफिकेशन में नहीं दिखते हैं। किसी ट्वीट के जवाब में लिखे गए विवादित ट्वीट प्राथमिकता में भी नीचे रखे जाते हैं। हालांकि, ऐसे कदम उठाते समय ट्विटर अन्य सोशल मीडिया कंपनियों की तरह पारदर्शी नहीं रही है।
ट्वीट करने वाले और इन्हें देखने वाले दोनों ही ये लेबल देख पाएंगे। लेबल यह बताएंगे कि ट्वीट सीमित लोगों की ही दिखेगा। शुरू में ऐसे लेबल केवल उन्हीं ट्वीट पर लागू होंगे जो ट्विटर की ‘घृणित आचार नीति’ का उल्लंघन करते हैं। बाद में कंपनी आने वाले महीनों में दूसरी नीतियों के साथ भी इन्हें लागू कर सकती है। ट्विटर सेफ्टी की तरफ से प्रकाशित एक ब्लॉग में कहा गया है, ‘इस बदलाव का मकसद ऐसा कदम उठाना है जो हमारे प्लटेफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले हरेक लोगों के लिए समान एवं पारदर्शी होगा।’ ट्विटर की घृणित आचार नीतियों के अनुसार ऐसे शब्द एवं वे सामग्री जिनमें अनुचित बातें, लोगों को उकसाने वाले एवं किसी खास व्यक्ति या समूहों को लक्षित करने वाली बातें, नरसंहार के संदर्भ और वैमनस्य फैलाने वाले चित्र होते हैं वे ट्विटर पर पर विद्वेष फैलाने वाले माने जाते हैं।
ट्विटर की नीति अद्यतन होने के बाद ट्वीट करने वालों को अगर लगतr है कि सोशल मीडिया कंपनी ने अनुचित तरीके से उसके ट्वीट की पहुंच सीमित कर दी है तो वे इस पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ट्विटर ने कहा, ‘फिलहाल शिकायत करने पर ट्विटर की तरफ से जवाब आ भी सकता है और नहीं भी। ना ही यह कहा जा सकता है कि ट्वीट अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेगा। मगर अब हम उपयोगकर्ताओं को अपने निर्णय के खिलाफ अपील करने का विकल्प देने की दिशा में काम कर रहे हैं।’
‘द फ्री प्रेस’ के संस्थापक बारी वाइस ने ट्विटर फाइल्स प्रकाशित की जिसके बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला। इस ट्विटर फाइल्स में कथित तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए माइक्रोब्लॉगिंग मंच द्वारा उठाए गए कदमों से जुड़े कई खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्विटर कर्मचारियों की टीमों ने गुप्त रूप से ब्लैकलिस्ट बनाए, कुछ ट्वीट्स को ट्रेंड होने से रोका और सक्रियता दिखाते हुए पूरे अकाउंट और यहां तक कि ट्रेंडिंग विषयों को सुर्खियों में न लाने के उपाय करते हुए उसे इस तरह सीमित कर दिया कि कोई खास अकाउंट कम नजर आए या ट्रेंड करने वाले विषय कम दिखे।