सरकार ने केंद्रीय बजट में तटीय शिपिंग (Coastal Shipping) को बढ़ावा देने की घोषणा की थी, उसके बाद भारत के तटों से माल ढुलाई में तेजी आई है। हालांकि बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि सरकारी बंदरगाहों की तुलना में निजी बंदरगाहों की वृद्धि दर तेज रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी कई वजहें हैं, जिसमें बड़े बंदरगाहों की मांग सुस्त होना, निजी बंदरगाहों की ओर आपूर्ति श्रृंखला का जाना और निजी खदानों से जुड़ी कंपनियों की क्षमता और उत्पादन में वृद्धि शामिल है। इसकी वजह से प्रमुख और गैर प्रमुख बंदरगाहों पर तटीय कार्गो की मात्रा में अंतर बढ़ रहा है। अप्रैल से अगस्त के बीच सरकारी बंदरगाहों द्वारा संचालित तटीय कार्गो में महज 1.3 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसमें से कुछ बड़े तटीय केंद्रों में तटीय आवाजाही में पिछले साल की तुलना में गिरावट आई है।
इसके विपरीत निजी या राज्य सरकारों द्वारा संचालित बंदरगाहों के तटीय कार्गो की आवाजाही इस अवधि के दौरान करीब 21 प्रतिशत बढ़ी है।
प्रमुख बंदरगाहों पर ढुलाई में वृद्धि पिछले 5 महीने में 10 लाख टन से कम रही है जबकि निजी बंदरगाहों की ढुलाई इस दौरान 100 लाख टन बढ़ी है।
भले ही वृद्धि दर अलग रही है, लेकिन प्रमुख बंदरगाह कुल कार्गो की मात्रा के हिसाब से अभी भी बहुत आगे हैं। 2023-24 में प्रमुख बंदरगाहो ने 750 लाख टन तटीय कार्गो का संचालन किया है, जबकि गैर प्रमुख बंदरगाहों से 550 लाख टन ढुलाई हुई है।
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस ऐंड एनॉलिटिक्स में परिवहन, लॉजिस्टिक्स एवं आवाजाही के वैश्विक प्रमुख और सीनियर डायरेक्टर जगन्नारायण पद्मनाभन ने कहा कि केंद्र सरकार के विशाखापत्तनम बंदरगाह में कार्गो ट्रैफिक में गिरावट आई है। इसकी वजह यह है कि तमिलनाडु के बिजली बोर्ड ने थर्मल कोयले की ढुलाई अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन के गंगावरम पोर्ट से शुरू कर दिया।
विशाखापत्तनम के बंदरगाह से इस वित्त वर्ष में तटीय कार्गो में 15 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई है और उसे 10 लाख टन से ज्यादा का नुकसान हुआ है। वहीं इसके विपरीत आंध्र प्रदेश मैरीटाइम बोर्ड द्वारा संचालित कोस्टल कार्गो में वित्त वर्ष 24 में 55 प्रतिशत की उल्लेखनीय तेजी आई है और कुल करीब 50 लाख टन ढुलाई हुई है।
इसी तरह से जेएसडब्ल्यू स्टील डोलवी वर्क्स में क्षमता विस्तार हुआ है और महाराष्ट्र के धरमतर पोर्ट से कोकिंग कोयले, थर्मल कोयले और लौह अयस्क की ढुलाई बढ़ी है, जो जेएसडब्ल्यू के निजी बंदरगाह के रूप में संचालित होता है। महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड द्वारा संचालित कोस्टल ट्रैफिक वित्त वर्ष 24 में 29 प्रतिशत बढ़ा है।
वहीं प्रमुख बंदरगाहों की वृद्धि दर आश्चर्यजनक रूप से ठहर गई, जबकि सरकार ने रेल-समुद्र-रेल (आरएसआर) मार्ग को बढ़ावा दिया।