पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि तेल के दाम बढ़ने कई देशों के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं। तेल के दाम (Oil Price) बढ़ने से कई बाजारों में मांग घट सकती है। सितंबर के दौरान ज्यादातर समय कच्चे तेल का दाम 90 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रहा है। इजरायल में संकट होने के कारण यह फिर सीमा से पार जा सकता है।
पुरी ने केपीएमजी इनोवेशन ऐंड एनर्जी के 14वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि आयात करने वाले देशों और उनमें भी विशेष तौर पर ज्यादा तेल खरीदने वालों की स्थिति पर ध्यान दिया जाना चाहिए। पुरी ने कहा कि तेल के तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल पार होने की स्थिति में आर्थिक विकास के लिए बड़े स्तर पर बाधा खड़ी हो जाएगी।
बुधवार शाम को कच्चे तेल का दाम 86.64 डॉलर प्रति बैरल था और इसमें करीब एक प्रतिशत की गिरावट आई थी।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि आधी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में हैं और आधी दुनिया इस मंदी से निपटने के प्रयास कर रही है। आईएमएफ के मुताबिक भारत 6.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगा लेकिन मेरा अनुसार इससे ज्यादा वृद्धि भारत करेगा। कई आयातक देश वैश्विक वृद्धि में योगदान देते हैं और इनमें चिंता के संकेत दिखने लगे हैं।’
भारत के लिए तेल की उपलब्धता खास रूप से महत्त्वपूर्ण है। भारत में वैश्विक औसत की तुलना में ऊर्जा की मांग तीन गुना तेजी से बढ़ रही है।पुरी ने बताया कि सरकार वास्तविक समय के आधार पर इजरायल की स्थिति की समीक्षा कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘लगता है कि हमास-इजारयल संकट बढ़ेगा। वैश्विक मार्केट इन स्थितियों पर नजर रखेगा।’ पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि देशभर के 5000 पेट्रोल पंपों पर ई20 ईंधन बेचा जा रहा है।