भारत के सबसे बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) एम्बेसी ऑफिस पार्क्स रीट में इस महीने अपने निचले स्तर से 15 प्रतिशत तक की तेजी आई है।
भले ही इस महीने के शुरू में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए सरकार की अधिसूचना एक प्रमुख कारक थी, लेकिन ब्लैकस्टोन समूह द्वारा ताजा हिस्सेदारी बिक्री को भी सकारात्मक माना जा रहा है, क्योंकि इससे बिक्री से जुड़ा गतिरोध भी समाप्त हुआ है।
दुनिया की सबसे बड़ी वैकल्पिक परिसंपत्ति प्रबंधक ने अपनी निवेश कंपनियों के जरिये कंपनी में 23.59 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है। यह सौदा 316 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से हुआ और इससे परिसंपत्ति प्रबंधक को 7,100 करोड़ रुपये हासिल हुए। ब्लैकस्टोन ने चार साल पहले एम्बेसी की सूचीबद्धता के बाद से अपनी हिस्सेदारी घटाई है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुर्तजा अरसीवाला और अभिषेक खन्ना का कहना है कि हिस्सेदारी बिक्री से ब्लैकस्टोन समूह की निकासी सुनिश्चित हुई है और इससे उन पर किसी तरह का बिक्री संबंधित दबाव समाप्त हो गया है।
एम्बेसी के साथ साथ अन्य रीट के लिए मौजूदा बदलाव वह संशोधन है जिससे रीट को एसईजेड में खाली जगह किराये पर देने की अनुमति मिलेगी। मार्च 2020 से एसईजेड में नई इकाइयों के लिए कर लाभ समाप्त किए जाने के बाद यह खाली स्पेस बढ़ा है।
सूचीबद्ध क्षेत्र में, एम्बेसी ऑफिस पार्क्स रीट (एम्बेसी) के पास एसईजेड में 42 लाख वर्ग फुट का खाली क्षेत्र है। एम्बेसी के लिए उसके पोर्टफोलियो के अनुपात के तौर पर एसईजेड की भागीदारी 60 सितंबर तिमाही में, भले ही वैश्विक निजी केंद्रों के जरिये पट्टा गतिविधि मजबूत बनी रही, लेकिन कंपनी को दबाव का सामना करना पड़ा।
एम्बेसी के शेयर ने सुस्त परिचालन प्रदर्शन और ऊंची ब्याज दरों को देखते हुए पिछले साल के दौरान सेंसेक्स के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया। इस अवधि के दौरान एम्बेसी में निवेशकों को 5 प्रतिशत तक गिरावट का सामना करना पड़ा, जबकि सेंसेक्स 15 प्रतिशत तक चढ़ा।
हालांकि आईआईएफएल रिसर्च का मानना है कि रीट्स के लिए सबसे खराब परिचालन प्रदर्शन पीछे छूट चुका है। आईआईएफएल रिसर्च के मोहित अग्रवाल और सात्विक शेट्टी का मानना है कि वैश्विक स्तर पर मांग तेजी से सुधर रही है।