बेंगलूरु ने राजधानी दिल्ली को भी दे दी मात, प्राइवेट कारों के मामले में निकला सबसे आगे

बेंगलूरु में रजिस्टर्ड प्राइवेट कारों की संख्या 22.33 लाख यूनिट थी, जो 31 मार्च, 2021 से 7.1 प्रतिशत की वृद्धि थी।

Published by
दीपक पटेल   
Last Updated- January 14, 2024 | 10:56 PM IST

भारत में सबसे ज्यादा प्राइवेट कारों की संख्या के मामले में टेक सिटी बेंगलूरु ने राजधानी दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है। पिछले सप्ताह राज्य सरकार द्वारा जारी दिल्ली स्टैटिक्स हैंडबुक 2023 के अनुसार, पिछले साल 31 मार्च तक दिल्ली में रजिस्टर्ड प्राइवेट कारों की संख्या 20.71 लाख यूनिट थी। 31 मार्च, 2021 के बाद से इसमें 38.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

यह गिरावट अक्टूबर 2018 में प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में 10 वर्ष से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 वर्ष से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण है।

पिछले साल 31 मार्च को जारी कर्नाटक परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बेंगलूरु में रजिस्टर्ड प्राइवेट कारों की संख्या 22.33 लाख यूनिट थी, जो 31 मार्च, 2021 से 7.1 प्रतिशत की वृद्धि थी।

Also read: IPO Updates: अगले हफ्ते आ रहे 5 आईपीओ; BSE, NSE पर 7 कंपनियों के शेयर होंगे लिस्ट

दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में कहा गया है कि वर्ष 2021-22 की अवधि के दौरान, दिल्ली में प्रति हजार जनसंख्या पर वाहनों की संख्या 472 थी। 2020-21 में यह संख्या 655 थी। गिरावट की वजह डीजल और पेट्रोल वाहनों की स्क्रैपिंग नीति थी। बता दें कि इस आर्थिक सर्वेक्षण को पिछले साल मार्च में रिलीज किया गया था।

2022 में दिल्ली में सड़क पर मोटर वाहनों (प्राइवेट कारों सहित) की कुल संख्या 79.18 लाख थी, जो 35.38 प्रतिशत की कमी दर्शाती है क्योंकि दिल्ली सरकार ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसलिए, दिल्ली सरकार ने 2021-22 तक 48.77 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है।

राजधानी दिल्ली पिछले कई वर्षों से भारी प्रदूषण से जूझ रही है, खासकर दिवाली के समय जब सर्दियों के मौसम की शुरुआत होती है।

First Published : January 14, 2024 | 5:41 PM IST