यूरोपियन यूनियन (ईयू) ने दावा किया है कि भारत द्वारा सूचना एवं संचार तकनीक (आईसीटी) पर शुल्क लगाने से उसे भारत को तकनीकी निर्यात में सालाना 60 करोड़ यूरो घाटा हुआ है। यूनियन ने कहा है कि भारत द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने से ईयू के इस तरह के तकनीक के निर्यात पर असर पड़ा है।
प्रमुख यूरोपियन तकनीकी कंपनियों में इरिक्सन, सीमंस, नोकिया, इन्फीनियॉन टेक्नोलॉजिज व अन्य शामिल हैं। सोमवार को विश्व व्यापार संगठन के विवाद निपटान करने वाले निकाय ने अपने आदेश में कहा था कि भारत द्वारा मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान पर शुल्क लगाने से बहुपक्षीय व्यापार निकाय के सूचना तकनीक अधिनियम के तहत की गई प्रतिबद्धता का उल्लंघन हुआ है।
बहरहाल इस फैसले का तत्काल कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारत इस फैसले के खिलाफ डब्ल्यूटीओ के अपीली निकाय में अपील कर सकता है, जो सदस्यों की कमी की वजह से काम नहीं कर रहा है। ईयू के कार्यकारी उपाध्यक्ष और व्यापार आयुक्त वाल्डिस डोम्ब्रोवास्किस ने फैसले का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि भारत सभी अवैध शुल्क खत्म करेगा।