प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देश के वाहन क्षेत्र में वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में तेजी आने की उम्मीद है। इसकी वजह नीतिगत समर्थन, ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार और नए मॉडलों की शुरुआत का संयुक्त असर होना और सभी श्रेणियों की मांग में तेजी आना रहेगा। ब्रोकरेज कंपनियां रीपो और सीआरआर दरों में कटौती के साथ-साथ जीएसटी दर में संभावित कमी को भी सकारात्मक रूप में देख रही हैं, खास तौर पर दोपहिया और छोटे यात्री वाहनों के लिए।
मांग में तेजी आने से दोपहिया वाहनों को सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है। बी ऐंड के सिक्योरिटीज ने कहा कि हालिया बजट में कर राहत, ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर होते मनोबल और प्रीमियम इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के प्रस्तावित लॉंच से बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है। रॉयल एनफील्ड और टीवीएस मोटर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में पहले ही दमदार बिक्री वृद्धि दर्ज कर चुकी की हैं जबकि हीरो मोटोकॉर्प हालिया नरमी के बाद मांग में सुधार के लिए त्योहारी सीजन और जीएसटी कटौती पर भरोसा कर रही है।
अनेक नई एसयूवी और ईवी पेश किए जाने से यात्री वाहनों की मांग बढ़ना तय है। नए मॉडलों की जोरदार मांग की बदौलत महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) ने पहली तिमाही के दौरान दो अंक में वृद्धि दर्ज की। जहां मारुति सुजूकी ने निर्यात स्थिर रहा, वहीं घरेलू बिक्री सपाट रही। टाटा मोटर्स ने सालाना आधार पर गिरावट देखी। खुदरा बिक्री के मामले में बिना बिके वाहनों के अधिक स्टॉक के कारण छूट को बढ़ावा मिलने से विश्लेषकों को उम्मीद है कि जीएसटी में कटौती के बाद ऑन-रोड कीमतों में कमी आने से बिक्री की रफ्तार को बल मिलेगा।