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GenAI की ताकत मिलेगी तो स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ेगी

शोध समूह IDC ने अनुमान लगाया है कि 2024 में निर्यात होने वाले स्मार्टफोन में करीब 15 फीसदी GenAI वाले होंगे।

Last Updated- March 08, 2024 | 11:58 PM IST
GenAI की ताकत मिलेगी तो स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ेगी, Phones smarter with generative AI give industry hope to ring in sales

स्मार्टफोन का बाजार पिछले कुछ समय से ठहरा हुआ है और बिक्री बढ़ाने के लिए अब जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेनएआई) पर ही उम्मीद टिक गई है। शोध समूह आईडीसी ने अनुमान लगाया है कि 2024 में निर्यात होने वाले स्मार्टफोन में करीब 15 फीसदी जेनएआई वाले होंगे। ऐसे फोन की संख्या करीब 17 करोड़ होगी। पिछले साल करीब 5.1 करोड़ फोन जेनएआई वाले थे। इस अनुमान से फोन बनाने वालों (ओईएम) की बांछें खिल गई होंगी क्योंकि वे दुनिया भर में सुस्त बिक्री से परेशान चल रहे हैं।

काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक 2023 में भारत में 15.2 करोड़ स्मार्टफोन आए। साल की चौथी तिमाही में बिक्री जरूर बढ़ी मगर ज्यादातर प्रीमियम श्रेणी में थी और लोग 4जी फोन छोड़कर 5जी फोन खरीद रहे थे। जेनएआई ने स्मार्टफोन को बहुत बेहतर बना दिया है मगर यह बैटरी पावर ज्यादा खा लेती है। एआई वाले स्मार्टफोन पिछले कुछ साल से बन और बिक रहे हैं मगर जेनएआई ने डिवाइस को बहुत कुछ और भी करने लायक बना दिया है।

चिपसेट बनाने वाली ताइवानी कंपनी मीडियाटेक की भारतीय कंपनी मीडियाटेक इंडिया के प्रबंध निदेशक अंकुर जैन ने कहा, ‘जेनएआई ने फोन को बहुत बेहतर बना दिया है। चलने में कोई झंझट नहीं है, प्राइवेसी ज्यादा हो गई है, अधिक सुरक्षा है और फोन ज्यादा भरोसेमंद हो गए हैं। साथ ही फोन कम से कम खर्च में ऐसे इलाकों में भी आराम से चल जाते हैं, जहां कनेक्टिविटी बहुत कम या नहीं के बराबर होती है।’

जैन ने कहा, ‘आम तौर पर चलने वाले एआई के मुकाबले जेनएआई को 10 से 100 गुना बेहतर प्रदर्शन की जरूरत पड़ती है। अभी अगर यह फीकी पड़ती है तो उसकी वजह फोन में कम मेमरी मिलना और उसका प्रदर्शन भी कमतर रहना है। क्लाउड सेवा से इसे ठीक किया जा सकता है मगर जेनएआई को पूरी तरह क्लाउड के भरोसे चलाना महंगा होगा और इसकी क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल भी नहीं हो पाएगा।’

फरवरी में बार्सिलोना में मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस के दौरान मीडियाटेक ने अपने चिपसेट में मौजूद एआई प्रोसेसिंग यूनिट (एपीयू) में कई तरह के जेनएआई फीचर्स की घोषणा की। कंपनी का दावा है कि इससे स्मार्टफोन में वीडियो और एनिमेशन बहुत बेहतर हो जाएंगे। एपीयू स्मार्टफोन चिपसेट की न्यूरल प्रोसेसिंग यूनिट के साथ मिलकर एआई वाले कामों खासकर मशीन लर्निंग अल्गोरिदम की रफ्तार बढ़ा देती है। तकनीक के पंडितों का कहना है जेनएआई इतनी बेहतर होती जा रही है कि इसके सहारे अब यूजर केवल एक इशारे या कमांड पर ही यह स्मार्टफोन में एक साथ कई ऐप चला सकत हैं।

गार्टनर में सीनियर डायरेक्टर एनालिस्ट रंजीत अटवाल ने कहा, ‘स्मार्टफोन इस्तेमाल करते समय अब पहले से ज्यादा सुगम और बेहतर अनुभव होता है, झंझट कम से कम होते जा रहे हैं और लोगों के आम कामकाज फोन से ही होने लगे हैं। हमने स्मार्ट बॉट के जरिये स्मार्ट ऐप चलते अभी तक नहीं देखे हैं। इसकी मदद से केवल एक इंस्ट्रक्शन या इशारे पर कई ऐप एक साथ चलने लगेंगे।’

सैमसंग के एस24 अल्ट्रा जैसे प्रीमियम स्मार्टफोन में अब डिवाइस पर जेनएआई मिलने लगी है। चिपमेकर क्वालकॉम ने एस24 के लिए लाइव ट्रांसलेशन और ट्रांसक्रिप्शन जैसे कई आधुनिक और काम आने वाले फीचर दे दिए हैं। फोन पर गूगल सर्च अब पहले से ज्यादा समझदारी के साथ काम करने लगी है और इसके लिए केवल हाव-भाव या इशारा काफी होगा। इसमें नोट असिस्ट है, जो जटिल टेक्स्ट को सरल बनाता है और तरतीब से लिखता है। जेनरेटिव एडिट है, जिससे यूजर फोटो के भीतर मौजूद किसी चीज या शख्स को अपनी मर्जी से छोटा-बड़ा या दाएं-बाएं कर सकते हैं।

मगर क्या जेनएआई से स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ेगी? काउंटरपॉइंट में सीनियर एनालिस्ट अंकित मल्होत्रा ने कहा, ‘अगर आप 2016 से 2019 तक का दौर देखें तो हम एक कैमरे वाले डिवाइस से आगे बढ़कर पांच मेगापिक्सेल वाले डिवाइस पर गए और फिर क्वाड यानी चार कैमरा वाले डिवाइस तक पहुंच गए। डिस्प्ले पहले से बड़े हो गए, बैटरी बड़ी हो गईं, प्रोसेसिंग की क्षमता भी बहुत तेज हो गई। मगर पिछले दो साल में बिक्री बढ़ने की रफ्तार बरकरार नहीं रह पाई क्योंकि स्मार्टफोन के हार्डवेयर में ज्यादा कुछ नया देखने को नहीं मिला। इसलिए ग्राहकों को खींचने के लिहाज से जेनएआई फोन निर्माताओं के लिए बहुत अच्छा रास्ता है।’

विश्लेषक यह भी कहते हैं कि जेनएआई से चलने वाले स्मार्टफोन की मांग दुनिया भर में बढ़ी तो भारत में फोन के उत्पादन को बहुत फायदा हो जाएगा।

First Published - March 8, 2024 | 11:53 PM IST

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