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‘संचार साथी’ ऐप बना डाउनलोड का चैंपियन; ऐप स्टोर पर 127वें से पहले पायदान तक पहुंचा

सरकार ने कहा कि अब तक 1.4 करोड़ उपयोगकर्ताओं ने ऐप डाउनलोड किया है और एक ही दिन में 6 लाख नागरिकों ने पंजीकरण कराया है

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- December 04, 2025 | 10:57 PM IST

विपक्षी दलों और मोबाइल बनाने वाली कंपनियों और नागरिक समाज के विरोध के बाद, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने सभी मोबाइल फोन में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल करने का अपना आदेश वापस ले लिया है। लेकिन, इसका एक चौंकाने वाला नतीजा यह हुआ कि जिस ऐप को पहले नजरअंदाज किया जाता था वह अचानक ही सुर्खियों में आ गया है।

सेंसर टावर के आंकड़ों के अनुसार, संचार साथी ऐप जो 29 नवंबर को भारत में सबसे अधिक डाउनलोड किए गए ऐप में 127 वें स्थान पर था वह 2 दिसंबर को ऐपल ऐप स्टोर पर गूगल जेमिनाई और चैटजीपीटी को पीछे छोड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच गया। सरकार द्वारा 3 दिसंबर को आदेश वापस लेने के बाद भी यह शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।

संचार साथी ने गूगल प्ले स्टोर पर भी तेजी दिखाई है और यह दूरसंचार विभाग द्वारा प्रेस सूचना ब्यूरो के माध्यम से निर्देश जारी किए जाने वाले दिन यानी 1 दिसंबर को सभी श्रेणी में 122वें स्थान पर था लेकिन यह 3 दिसंबर को 15 वें स्थान पर पहुंच गया। ऐप गुरुवार तक उस स्थान पर बना रहा। उत्पादकता श्रेणी के भीतर, यह 1 दिसंबर के 15 वें स्थान से बढ़कर 3 दिसंबर को दूसरे पायदान पर पहुंच गया और अब शीर्ष स्तर पर बना हुआ है।

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि ऐप के बारे में जिज्ञासा तब बढ़ी जब गोपनीयता से जुड़ी संभावित चिंता पर बहस शुरू हुई और इसके कारण ही डाउनलोड में वृद्धि हुई है। कुछ विपक्षी नेताओं का दावा है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने निर्देश को समर्थन देने की बात दिखाने के लिए बड़ी संख्या में ऐप डाउनलोड किए और उनका यह तर्क है कि डाउनलोड में यह तेजी अस्थायी साबित हो सकती है।

दूरसंचार विभाग के साथ बैठक करने वाले मोबाइल उपकरण निर्माताओं ने चेतावनी दी कि इस तरह की चीजें लागू करने से एक मिसाल कायम हो सकती है, जिससे अन्य मंत्रालय या राज्य सरकारें भी अपने संबंधित ऐप इंस्टॉल के लिए भी यही मांग करने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।

कंपनियों ने यह भी बताया कि भारत बड़ी संख्या में फोन निर्यात करता है जिसका अर्थ यह है कि अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने के लिए घरेलू और निर्यात वाले उपकरणों के लिए अलग-अलग उत्पादन की जरूरत हो सकती है जिससे निर्माण प्रक्रिया और जटिल हो सकती है। हालांकि, डीओटी ने 3 दिसंबर को निर्देश वापस लेने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उसने डाउनलोड में वृद्धि देखने के बाद कार्रवाई की।

सरकार ने कहा कि अब तक 1.4 करोड़ उपयोगकर्ताओं ने ऐप डाउनलोड किया है और एक ही दिन में 6 लाख नागरिकों ने पंजीकरण कराया है। इसमें कहा गया है कि इस ऐप को व्यापक रूप से अपनाए जाने की वजह से अब इसे इंस्टॉल करने के लिए अनिवार्यता जरूरी नहीं है।

First Published : December 4, 2025 | 10:35 PM IST