इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पेश नई योजना में सब्सिडी कम कर दी गई है। नई पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना से इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को राहत जरूर मिली है मगर ‘फेम’ योजना के मुकाबले इसमें सब्सिडी का प्रावधान कम कर दिया गया है। विभिन्न इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन राशि या सब्सिडी 85 प्रतिशत से घट कर 30 प्रतिशत रह गई है। इलेक्ट्रिक कार खंड नई योजना की जद से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है। इस खंड में पहले 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाती थी।
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को दी जाने वाली सब्सिडी धीरे-धीरे कम करना चाहती है। नई पीएम ई-ड्राइव उसी नीति का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में अब पहले से अधिक गहराई आ गई है और लोगों के बीच इनका इस्तेमाल अब बढ़ रहा है। अधिकारियों ने कहा कि सब्सिडी में कमी जरूर एक बड़ा मुद्दा है मगर यह इलेक्ट्रिक वाहन प्रवर्द्धन योजना (EMPS) में दी जाने वाली सब्सिडी के लगभग बराबर ही है।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (E2W) के लिए अधिकतम सब्सिडी में लगभग 85 प्रतिशत कमी कर दी गई है। फेम-2 में 66,000 रुपये सब्सिडी मिलती थी मगर अब यह कम होकर 10,000 रुपये रह गई है। इलेक्ट्रिक तिपहिया (ई3डब्ल्यू) के लिए सब्सिडी घटाकर लगभग 55 प्रतिशत कर दी गई है।
पहले इन वाहनों पर 1,11,505 रुपये सब्सिडी मिलती थी जिसे घटाकर अब 50,000 रुपये कर दिया गया है। इलेक्ट्रिक बसों के मामले में भी सब्सिडी सीमा 50 लाख रुपये से घटाकर 35 लाख रुपये कर दी गई है।
योजना के दूसरे वर्ष में अधिकतम प्रोत्साहन में और कमी आएगी यानी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए यह घटकर 5,000 रुपये और तिपहिया वाहनों के लिए 25,000 रुपये रह जाएगी। सब्सिडी के संबंध में इस नई घोषणा से पहले केंद्र सरकार पिछले तीन वर्षों से प्रोत्साहन में कमी करती आ रही है। पहले फेम-2 के अंतर्गत अधिकतम सब्सिडी 1 जून 2023 से 66,000 रुपये से घटाकर 22,500 रुपये कर दी गई थी।
फेम-2 समाप्त होने के बाद सरकार ने ईएमपीएस की शुरुआत की जिसके तहत 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। इस योजना के आने से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी घटकर 10,000 रुपये और तिपहिया वाहनों के लिए 50,000 रुपये रह गई।