टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला तमिलनाडु में दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक स्कूटर (ई-स्कूटर) संयंत्र स्थापित करेगी। कंपनी अपने इलेक्ट्रिक वाहन संयंत्र की स्थापना पर 2,400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक के समर्थन वाली ओला अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण के लिए भारत को एक प्रमुख केंद्र के तौर पर स्थापित करना चाहती है।
कंपनी ने संयंत्र लगाने के लिए तमितनाडु सरकार के साथ समझौते के एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। संयंत्र पूरा होने पर इससे करीब 10,000 रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर विनिर्माण संयंत्र होगा, जिसमें शुरू में सालाना 20 लाख स्कूटर बनाए जा सकेंगे।
ओला के चेयरमैन एवं समूह सीईओ भवीश अग्रवाल ने कहा, ‘हमें दुनिया की सबसे बड़ी स्कूटर फैक्ट्री की स्थापना करने की योजना की घोषणा करते हुए काफी खुशी का अनुभव हो रहा है। यह ओला और हमारे देश के लिए भी गौरव का क्षण है। इस पहल के जरिये दुनिया में साझा एवं व्यक्तिगत वाहन खंड में एक मजबूत विकल्प देने की अपनी योजना को हम साकार करने जा रहे हैं।’ अग्रवाल ने कहा कि यह दुनिया के सबसे उम्दा विनिर्माण संयंत्रों में एक होगा। अग्रवाल ने कहा, ‘यह संयंत्र विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार करने में भारत के कौशल एवं इसकी प्रतिभा से साक्षात्कार कराएगा।’
ओला भारत सहित यूरोप, एशिया और लैटिन अमेरिका के बाजारों में भी अपने इस संयंत्र में बने उत्पाद उतारेगी। कंपनी आने वाले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक स्कूटर उतारने जा रही है। ओला तमिलनाडु में अपने इस संयंत्र के जरिये इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों एथर एनर्जी, हीरो इलेक्ट्रिक और टीवीएस मोटर को टक्कर देगी। पिछले वर्ष ओला इलेक्ट्रिक ने मायोशी सन के सॉफ्टबैंक से 25 करोड़ डॉलर रकम जुटाई थी। इस निवेश के साथ ओला की ई-वाहन इकाई का मूल्यांकन 1 अबर डॉलर से पार हो गया था।
ओला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुरूप उसका संयंत्र आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक अहम कदम होगा। कंपनी ने कहा कि उसकी यह पहल इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर भारत की निर्भरता कम कर देगी और देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी के अनुसार इससे रोजगार के अवसर प्राप्त होने के साथ-साथ देश की तकनीकी खंड में विशेषज्ञता भी बढ़ेगी। 6 अरब डॉलर की हैसितय वाली ओला इलेक्ट्रिक वाहन कारोबार पर ऐसे समय में बड़ा दांव लगा रही है जब कोविड ने टैक्सी सेवाओं को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। ओला ने अपने 1,400 कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी। हाल में ही अग्रवाल ने कहा था कि कोविड ने कंपनियों को भविष्य की योजनाओं एवं कारोबारी मॉडलों पर दोबार विचार करने के लिए बाध्य कर दिया है।