ISRO की चांद पर इतिहास बनाने के बाद सूरज पर नजर है। इसरो ने चांद के साउथ पोल पर अपना चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) पहुंचा कर इतिहास बना दिया है। चंद्रयान-3 बुधवार को शाम 06 बाजार 4 मिनट पर सफलतापूर्वक चांद पर लैंड कर गया।
इस जीत ने इसरो के वैज्ञानिकों को दी नई प्रेरणा
इस जीत ने इसरो के वैज्ञानिकों को एक नई प्रेरणा दी है। वे अपने अगले चुनौतीपूर्ण मिशन के लिए उत्साहपूर्वक तैयारी कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य हमारे सौर मंडल (Solar System) में सूरज के ज्वलंत केंद्र (fiery core) की जांच करना है।
अब Aditya-L1 मिशन पर सबकी नजरें
Aditya-L1 अंतरिक्ष यान भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला के रूप में एक बड़ा वेंचर है, जो वर्तमान में श्रीहरिकोटा रॉकेट बंदरगाह पर स्थित है। इसरो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) रॉकेट पर सवार होकर कोरोनोग्राफी उपग्रह के रूप में आदित्य-एल1 को भेजने के लिए तैयार है। यह प्रक्षेपण अगस्त के अंत में या सितंबर की शुरुआत में होने वाला है।
इस अभूतपूर्व मिशन का प्रमुख उद्देश्य आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के भीतर पहले लैग्रेंज बिंदु ‘एल1’ को घेरने वाली एक प्रभामंडल ऑर्बिट में स्थापित करना है।
यह ऑर्बिट कक्षा एक विशेष लाभ प्रदान करती है, जो उपग्रह को गुप्त या ग्रहण के कारण होने वाली किसी भी रुकावट के बिना लगातार सूर्य का निरीक्षण करने में सक्षम बनाता है।
भगवान सूर्य देव के नाम पर रखा गया आदित्य-एल1 उपग्रह का नाम
भगवान सूर्य देव के नाम पर रखा गया आदित्य-एल1 उपग्रह भारत की अंतरिक्ष रिसर्च यात्रा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि को दर्शाता है। पीएसएलवी रॉकेट पर इस अंतरिक्ष यान का आगामी प्रक्षेपण आकाशीय चमत्कारों की अधिक समझ और अन्वेषण के लिए भारत की खोज में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।