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EV Sales: स​ब्सिडी घटी, फिर भी ईवी बिक्री बढ़ी

2023 में ईवी के कुल पंजीकरण की संख्या 15 लाख से कुछ ही कम है, पिछले साल 10 लाख से कुछ ही ज्यादा थी संख्या

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नितिन कुमार   
Last Updated- December 29, 2023 | 11:35 PM IST

सब्सिडी में कटौती और नियामकीय बदलावों के बावजूद इस साल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री में अब तक 45 फीसदी से ज्यादा का जोरदार इजाफा देखा गया है। साल 2023 में ईवी के कुल पंजीकरण की संख्या 15 लाख से कुछ ही कम है, जो पिछले साल की संख्या से काफी अ​धिक है। पिछले साल यह संख्या 10 लाख से कुछ ही ज्यादा थी।

देश में ईवी की कुल पैठ बढ़कर 6.3 फीसदी हो गई है, जबकि साल 2022 में यह संख्या 4.8 फीसदी थी। इस साल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी में कटौती की गई थी। यह ऐसी श्रेणी है, जिसकी कुल ईवी बिक्री में तकरीबन 55 फीसदी हिस्सेदारी है।

उद्योग के विशेषज्ञ इस साल बिक्री वृद्धि का श्रेय पर्यावरण के और अ​धिक अनुकूल वाहनों के प्रति उपभोक्ताओं की रुचि में बदलाव को देते हैं। यह रुझान दोपहिया और तिपहिया श्रेणी में स्टार्टअप कंपनियों द्वारा उत्पाद पेश करने की बाढ़ के साथ-साथ चौपहिया श्रेणी में वाहनों की बढ़ती उपलब्धता से भी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रोत्साहनों ने भी इस वृद्धि को आगे बढ़ाने में खासी भूमिका निभाई है।

एनआरआई कंसल्टिंग ऐंड सॉल्यूशंस के विशेषज्ञ (केस ऐंड अल्टरनेट पावरट्रेंस) प्रीतेश सिंह ने कहा कि ई-दोपहिया और ई-तिपहिया श्रेणियों में ग्राहकों का विश्वास न केवल स्टार्टअप द्वारा, बल्कि तेल-गैस इंजन क्षेत्र में नए उत्पाद पेश करने वाली स्थापित कंपनियों द्वारा भी बढ़ा है। सरकारी सब्सिडी, बेहतर वित्तीय सहायता के विकल्प और बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं में वृद्धि ने उद्योग के विस्तार को और आसान कर दिया है।

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ई-तिपहिया श्रेणी बाजार में पैठ के मामले में सबसे आगे है और पिछले साल के 51 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी का आंकड़ा पार कर गई है। ई-तिपहिया निर्माता लोहिया ऑटो के मुख्य कार्या​धिकारी आयुष लोहिया ने कहा कि साल 2023 में ईवी बाजार, खास तौर पर तिपहिया श्रेणी विचार से व्यावहारिकता में परिवर्तित हो गई है। दूरी की चिंता और सीमित विकल्पों जैसी पिछली चुनौतियों पर काबू पाने के बाद इस क्षेत्र ने मांग में इजाफे का अनुभव किया है।

हालांकि सभी श्रेणियों में यात्री कारों की पैठ सबसे कम रही है, लेकिन इस साल उनकी पैठ दोगुनी होकर दो फीसदी हो गई है। दोपहिया वाहनों की श्रेणी में यह पैठ पिछले साल के फीसदी प्रतिशत की तुलना में इस साल बढ़कर पांच फीसदी हो गई है।

दूसरी तरफ बस श्रेणी को संघर्ष करना पड़ा है। पिछले साल के 4.6 फीसदी के मुकाबले इस साल इस श्रेणी की पैठ 3.3 फीसदी रही। उद्योग के एक भागीदार ने कहा कि अगर सरकार ने ई-दोपिहया वाहनों के लिए सब्सिडी कम नहीं की होती, तो इस साल ईवी की बिक्री 20 लाख के आंकड़े तक पहुंच सकती थी। सब्सिडी कटौती ने उद्योग को कम से कम एक साल पीछे कर दिया है।

First Published : December 29, 2023 | 11:19 PM IST