केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा (डीपीडीपी) कानून के नियम इस महीने के अंत तक आने की उम्मीद है। उसके बाद एक महीने तक परामर्श की प्रक्रिया चलेगी। मगर इन नियमों के लिए अधिसूचना आम चुनाव के बाद जारी की जा सकेगी।
मंत्री ने कहा, ‘डीपीडीपी नियमों को इस महीने किसी भी समय परामर्श के लिए रखा जाएगा। परामर्श की प्रक्रिया पूरी होने में करीब एक महीने का समय लगेगा। आगे आम चुनाव भी आ रहे हैं, ऐसे में मैं यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि इन नियमों को चुनाव से पहले अधिसूचित किया जाएगा अथवा नहीं।’
चंद्रशेखर ने राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर डीपफेक पर अंकुश लगाने के लिए अगले 7 से 8 दिनों के भीतर मौजूदा आईटी नियमों में संशोधन करने जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि डीपफेक के बारे में सलाह पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की मिलीजुली प्रतिक्रिया के बाद ये नियम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने आयोजित डिजिटल इंडिया डायलॉग्स के दौरान प्लेटफॉर्मों को आईटी नियमों के मौजूदा प्रावधानों से अवगत पहले ही कराया जा चुका है। उन्होंने यह भी बता दिया गया है कि नियमों का अनुपालन न करने के परिणाम क्या होंगे।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘हमने एक एडवाइजरी जारी की है और यह भी बताया है कि अगर हम अनुपालन से संतुष्ट नहीं हुए तो हाल में संशोधित नियमों को अधिसूचित करेंगे जो गलत सूचनाओं के प्रसार और डीपफेक पर अधिक केंद्रित हैं। हम अगले 7 से 8 दिनों में नए संशोधित आईटी आईटी नियम जारी करने जा रहे हैं।’
हाल में क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने डीपफेक को जारी करते हुए प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग पर चिंता जताई थी। अपने डीपफेक में तेंडुलकर एक गेमिंग ऐप्लिकेशन का प्रचार करते दिख रहे थे।
तेंडुलकर ने अपनी पोस्ट में कहा था, ‘प्रौद्योगिकी के व्यापक दुरुपयोग को देखने से परेशानी होती है। आप सभी से अनुरोध है कि इस प्रकार के वीडियो, विज्ञापन और ऐप के बारे में बड़ी तादाद में शिकायत करें।’
उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को इस प्रकार की शिकायतों के प्रति सावधान और जवाबदेह रहने की जरूरत है। गलत जानकरी के प्रचार-प्रसार और डीपफेक पर लगाम लगाने के लिए उनके द्वारा तेजी से कार्रवाई करना महत्त्वपूर्ण है।’
पिछले साल दिसंबर में इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गलत सूचनाओं के प्रचार-प्रसार और डीपफेक पर लगाम लगाने के उपायों पर चर्चा करने के लिए डिजिटल इंडिया डायलॉग्स के तहत इंटरनेट प्लेटफॉर्मों के साथ एक बैठक की थी। कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म से इस प्रकार की सामग्री को जल्द से जल्द हटाने के लिए जांच-परख करने के लिए कहा गया था।
आईटी नियमों में प्रस्तावित बदलाव के जरिये सरकार इन प्लेटफॉर्मों के उपयोग की शर्तों में संशोधन करने की योजना बना रही है। मंत्री ने कहा कि अगर कोई प्लेटफॉर्म भारतीय नागरिकों के हित में डीपफेक पर अंकुश लगाने में विफल रहता है तो उसे ब्लॉक तक किया जा सकता है।