facebookmetapixel
Gujarat Kidney IPO: ₹250 करोड़ का इश्यू खुलने को तैयार, प्राइस बैंड ₹108–114; निवेश से पहले जानें जरुरी डिटेल्सट्रंप ने सीरिया और साउथ सूडान समेत 5 और देशों पर लगाया यात्रा प्रतिबंधICICI Prudential AMC IPO allotment: आज फाइनल होगा शेयरों का अलॉटमेंट, जानें कितने रुपये पर हो सकती है लिस्टिंगPark Medi World IPO ने निवेशकों को किया निराश, शेयर 4% डिस्काउंट पर लिस्ट; GMP अनुमान से चूकाIT शेयर अभी सस्ते, AI की रिकवरी से आ सकता है बड़ा उछाल; मोतीलाल ओसवाल ने चुने ये 4 स्टॉक्सइंडिगो संकट ने हिलाया विमानन क्षेत्र, भारत के विमानन क्षेत्र में बढ़ी प्रतिस्पर्धा की बहसNephrocare Health IPO की बाजार में पॉजिटिव एंट्री, 7% प्रीमियम के साथ ₹491 पर लिस्ट शेयरGold, Silver price today: चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, सोना के भी भाव बढ़ेकलंबोली दौरे में क्या दिखा? पाइप कारोबार पर नुवामा की रिपोर्ट, जानें किस कंपनी को हो रहा ज्यादा फायदाईलॉन मस्क की दौलत 600 अरब डॉलर के पार, बेजोस और जुकरबर्ग की कुल संपत्ति से भी आगे

पहली छमाही में कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री 2 फीसदी बढ़ी, LCV और MCV सेगमेंट ने किया बढ़त का नेतृत्व

आईसीआरए ने वित्त वर्ष 2025 में 1.2% की मामूली गिरावट के बाद, पूरे वित्त वर्ष 2026 के लिए थोक वाणिज्यिक वाहनों की मात्रा में 3-5% की मामूली वार्षिक वृद्धि का अनुमान लगाया है

Last Updated- October 21, 2025 | 9:54 PM IST
Commercial Vehicles

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़े से पता चलता है कि भारत में वाणि​ज्यिक वाहनों (सीवी) की बिक्री चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर 2 फीसदी तक बढ़कर 463,695 वाहन रही। पहली छमाही में सीमित वृद्धि मुख्य रूप से हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) और मध्यम वाणिज्यिक वाहन (एमसीवी) खंडों के कारण हुई।

प्राइमस पार्टनर्स के सलाहकार अनुराग सिंह ने कहा, ‘हल्के और मध्यम वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि हुई है, जो आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि का संकेत है, खासकर शहर के भीतर और छोटी दूरी के वाणिज्यिक वाहनों में।’ अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान समग्र वाणिज्यिक वाहन खंड में खुदरा बिक्री में केवल 2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

हालांकि, मासिक आंकड़ों में उतार-चढ़ाव देखा गया। कैलेंडर वर्ष के शुरुआती महीनों में जहां मजबूत आंकड़े देखे गए, वहीं जनवरी में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, मई 2025 में खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर 3.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जो ‘डीलरशिप के पास बढ़ी हुई इन्वेंट्री’के समग्र रुझान को दर्शाता है।

समग्र वृद्धि को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक भारी वाणिज्यिक वाहन (एचसीवी) खंड का प्रदर्शन था, जिसमें गिरावट देखी गई।

सिंह ने बताया, ‘भारी वाणिज्यिक वाहनों की संख्या में गिरावट आई है और दिलचस्प बात यह है कि इसका एक प्रमुख कारण बेहतर सड़कें और टोल व चेक पोस्ट पर कम समय की बर्बादी है।’ उन्होंने बताया कि मौजूदा बेड़े की उत्पादकता में इस वृद्धि ने वाहन बदलने की तत्काल आवश्यकता को कम कर दिया है, जिससे नए भारी-भरकम ट्रकों की मांग कम हो गई है।

मौजूदा चुनौतियों के बावजूद, कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बाजार का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है। अनुराग सिंह ने कहा कि अच्छे मॉनसून और जीएसटी में कमी के कारण बढ़ी आर्थिक गतिविधियों के मद्देनजर, तीनों खंडों (एलसीवी, एमसीवी और एचसीवी) के लिए संभावनाएं अनुकूल हैं।

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने वित्त वर्ष 2025 में 1.2 प्रतिशत की मामूली गिरावट के बाद, पूरे वित्त वर्ष 2026 के लिए थोक वाणिज्यिक वाहनों की मात्रा में 3-5 प्रतिशत की मामूली वार्षिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। इस वृद्धि को स्थिर व्यापक आर्थिक माहौल और निर्माण एवं बुनियादी ढांचा गतिविधियों में सुधार से मदद मिलने की उम्मीद है। इस वृद्धि का नेतृत्व बस श्रेणी द्वारा किया जाएगा, जिसमें मजबूत रीप्लेसमेंट मांग के कारण 8 से 10 प्रतिशत की ऊंची दर से विस्तार होने की उम्मीद है।

First Published - October 21, 2025 | 9:50 PM IST

संबंधित पोस्ट