त्योहारों और शादी-विवाह के सीजन तथा फसल बिक्री से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अधिक पैसा होने की वजह से देश में वाहनों की खुदरा बिक्री में जनवरी के दौरान सालाना आधार पर 14 प्रतिशत का इजाफा नजर आया है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। दोपहिया, तिपहिया, यात्री वाहन, ट्रैक्टर और वाणिज्यिक वाहनों में क्रमशः 10 प्रतिशत, 59 प्रतिशत, 22 प्रतिशत, आठ प्रतिशत और 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वाहनों की सभी श्रेणियों में इजाफा दिखा।
फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि त्योहारी सीजन के जोर के अलावा लोग नए साल के वाहनों का इंतजार कर रहे थे, अच्छे दिन शुरू हो गए तथा बहुत सारी शादियां भी हुईं। कुल मिलाकर मांग बढ़ी थी, खास तौर पर यात्री कार खंड में। ऑर्डर बुक लगातार बढ़ रही है। हमारे पास यात्री कारों के मामले में अच्छा ऑर्डर बुक उपलब्ध है। यही वजह है कि वाहन उद्योग की पूरी हालत अच्छी रही है।
सिंघानिया ने कहा कि वास्तव में किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत मिल रही थी, इससे भी महीने के दौरान इस वृद्धि को बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा कि यह बात काफी खास है कि पूरे भारत को आगे बढ़ने के लिए ग्रामीण मांग भी साथ-साथ आगे बढ़नी चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि जनवरी 2023 में खुदरा बिक्री जनवरी 2020 की तुलना में अब भी आठ प्रतिशत कम रही। फाडा ने कहा कि हालांकि दोपहिया खंड में धारणा में धीमा सुधार हो रहा है और यह एक साल पहले की तुलना में बेहतर है, लेकिन ग्रामीण बाजार में अभी गुंजाइश है।
तिपहिया खंड में सालाना आधार पर 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और वर्ष 2021 की तुलना में 101 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है तथा जनवरी 2020 में महामारी से पहले के स्तर की तुलना में अब यह केवल तीन प्रतिशत तक ही कम है। यात्री वाहन खंड में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अच्छा प्रदर्शन जारी है। अच्छी पूछताछ, दमदार बुकिंग और बेहतर आपूर्ति से इस खंड को मदद मिल रही है।
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इसके अलावा, जहां कुछ मॉडलों के लिए प्रतीक्षा अवधि कम हुई है, वहीं कॉम्पैक्ट एसयूवी, एसयूवी और लग्जरी वाहनों में न्यूनतम दो से तीन महीने की प्रतीक्षा जारी है। यात्री वाहनों में मारुति सुजुकी ने 44 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ अग्रणी स्थान बनाए रखा, इसके बाद ह्युंडै मोटर और टाटा मोटर्स की 13-13 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही। वाणिज्यिक वाहन खंड में भी पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत के इजाफे के साथ मजबूत वृद्धि नजर आई है।