नयी दिल्ली, 10 सितंबर :भाषा: भारत के दक्षिण सागरीय क्षेत्र में समुद्र के औसत जलस्तर, प्लेट टेक्टोनिक्स के सही आकलन के लिए पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र के समविभव क्षेत्र :जियोआयड लो: का अध्ययन किया जायेगा।
पृथ्वी विग्यान मंत्रालय के एक अधिकारी ने भाषा से कहा, 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान समुद्र के औसत तल, प्लेट टेक्टोनिक्स का सही आकलन के लिए पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र के समविभव क्षेत्र :जियोआयड लो: का अध्ययन किया जायेगा।
अधिकारी ने कहा कि यह मूलत: समुद्र केे गहरे तल में पृथ्वी की संरचना और भूगर्भीय गतिविधियों का भी अध्ययन होगा।
पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र के समविभव क्षेत्र :जियोआयड लो: के बारे में विशेषग्यों एवं वैग्यानिकों में एक राय नहीं है, इसी को ध्यान में रखते हुए वैश्विक स्तर पर चर्चा में रहे इस विषय की बारीकियों की पड़ताल करने का निर्णय किया गया है।
समुद्र तल, संसाधनों एवं अन्य गतिविधियों के अध्ययन के लिए सरकार ने समुद्र चलित शोध पोत खरीदने का निर्णय किया है।
अधिकारी ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए कुछ ही दिन पहले संसद में अनुदान की मांग के तहत धनराशि मंजूरी की गई है।
विशेषग्यों का कहना है कि पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र के समविभव क्षेत्र :जियोआयड लो: विग्यान में शोध का नया विषय है। कुछ वैग्यानिकों का मानना है कि यह तल के मुख्य आवरण में दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पैदा होता है जबकि दूसरा विचार यह है कि तल के उपरी आवरण के घनत्व में अंतर के कारण ऐसा होता है।