न्यायमूर्ति बी एस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जयललिता की याचिका पर सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार से कहा कि ये दस्तावेज शुक्रवार तक पेश किये जायें। जयललिता ने इस मामले में नया लोक अभियोजक नियुक्त करने को चुनौती दी है।
कर्नाटक सरकार ने 26 अगस्त को एक अधिसूचना जारी करके विशेष लोक अभियोजक के पद से भवानी सिंह को हटा दिया था। इस अधिसूचना में कहा गया था कि जयललिता और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष अदालत में मुकदमे से वरिष्ठ अधिवक्ता भवानी सिंह की विशेष लोक अभियोजक पद पर नियुक्ति तत्काल प्रभाव से वापस ली जाती है।
अन्नाद्रमुक सुप्रीमो पर आरोप है कि 1991 से 1996 के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान जयललिता ने 66.65 करोड़ रूपए की संपत्ति अर्जित की।
उच्चतम न्यायालय ने 2003 में यह मुकदमा चेन्नई से बेंगलूर की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। जयललिता का आरोप है कि यह मुकदमा द्रमुक सरकार ने राजनीतिक कारणों से उन पर थोपा है।
इस मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत जयललिता विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज करा चुकी हैं।
भाषा अनूप
09041955 दि
नननन