यूको बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स कम लागत वाली जमाओं जिसे आमतौर पर चालू खाता-बचत खाता (कासा) कहते हैं, उसमें बढ़ोतरी की योजना को अमली जामा पहनाने की सोच रहे हैं।इन बैंकों के साथ-साथ आईडीबीआई बैंक और विजया बैंक भी सरकार के निर्देशों के अनुरूप कासा अनुपात को कुल जमाओं के 30 फीसदी से अधिक बढ़ाना चाहते हैं। बैंकों के इस कदम का सीधा असर मुनाफा और शुद्घ ब्याज मार्जिन पर पड़ेगा।इस साल मार्च के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कम लागत वाली जमाओं की हिस्सेदारी 25 फीसदी से भी कम थी। कम लागत वाली जमाएं आईडीबीआई बैंक में 14.59 फीसदी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 24.97 फीसदी, यूको बैंक में 23.56 फीसदी और विजया बैंक में 24.60 फीसदी थीं।वित्त मंत्रालय ने बैंकों को जो निर्देश दिए थे उनके मुताबिक, 'मुनाफे में सुधार के लिए इन बैंकों को 30 फीसदी या इससे अधिक कासा अनुपात का लक्ष्य जरूर रखना चाहिए।'यूको बैंक के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार का कहना है कि बैंक ने अपनी एटीएम मशीन को मौजूदा 400 से बढ़ाकर 1,000 करने की योजना बना रहा है इससे बचत खाते में औसत रकम रखने के रुझान में तेजी आएगी। वहीं ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक टी वाई प्रभु का कहना है कि बैंक आक्रामक तरीके से कम लागत वाली जमाओं पर जोर दे रहा है।बैंक अगले 2-3 सालों में कम लागत वाली जमाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 30 फीसदी के स्तर तक ले जाना चाहता है। यूको बैंक, विजया बैंक और ओबीसी तीनों बैंकों ने कासा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए शाखा विस्तार पर जोर दिया है।आईडीबीआई बैंक को कासा हिस्सेदारी 30 फीसदी करने में मुश्किल होगी। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2009-10 में सरकारी बैंकों की कासा हिस्सेदारी एसबीआई के 46.67 फीसदी से आईडीबीआई बैंक के 14.59 फीसदी के बीच रही है।
