आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) की प्रस्तावित रिफाइनरी में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कंपनियों की कतार लग गई है।
कंपनियां भी कोई छोटी-मोटी नहीं हैं। ब्रिटेन के हिंदुजा समूह के बाद अब मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल ने भी इस रिफाइनरी पर निगाह गड़ा दी है। दिलचस्प है कि ओएनजीसी की तमाम चेतावनियों के बावजूद कंपनियां पीछे नहीं हट रही हैं।
ओएनजीसी ने कहा है कि यह रिफाइनरी आर्थिक रूप से फायदेमंद नहीं है यानी इसमें निवेश करने वाली कंपनी को घाटा ही होगा। फायदा उसी सूरत में हो सकता है, जब आंध्र सरकार उसे रियायतें दे।
इस रिफाइनरी की बागडोर काकीनाड़ा रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (केआरपीएल) के हाथों में होगी। इसकी क्षमता 1.5 करोड़ टन सालाना बताई जा रही है। ओएनजीसी की सहायक कंपनी मंगलूर रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) के पास केआरपीएल की 26 फीसद हिस्सेदारी है। आईएलऐंडएफएस की कंपनी में 51 फीसद हिस्सेदारी है, जबकि बाकी शेयर आंध्र प्रदेश सरकार के पास हैं।
ओएनजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'एस्सार ऑयल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और हिंदुजा जैसी कंपनियों ने संपर्क किया है। सभी काकीनाड़ा रिफाइनरी में हिस्सेदारी के लिए आंध्र सरकार से बात कर रही हैं।' लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि केरआपीएल में कौन सी कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। वही हिस्सेदारी दूसरी कंपनी को मिलनी है।
आरआईएल और एस्सार ऑयल की गुजरात में विशाल रिफाइनरी हैं। दोनों कंपनियों के अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि काकीनाड़ा रिफाइनरी के बारे में सोचा जा रहा है। यह रिफाइनरी काकीनाड़ा में विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थापित की जाएगी, जिसके लिए जमीन पहले ही अधिग्रहीत की जा चुकी है। चूंकि यह रिफाइनरी सेज में लगाई जा रही है, इसलिए तमाम कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ रही है।