उधार संकट के बादल लंदन के बाजार पर भी मंडराने लगे हैं। आशंका जतायी जा रही है कि आने वाले दो सालों में लंदन की वित्तीय सेवाओं में 20 हजार नौकरियों की कटौती हो जाएगी।
यह खुलासा सेंट्रल फॉर इकोनॉमिक एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) के एक सर्वे में किया गया है।सीईबीआर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल उद्योग जगत में 342,000 नौकरियों की कटौती की जा सकती है और अगले साल यानी कि वर्ष 2009 में 334,000 नौकरियों की कटौती की जा सकती हैं।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 2007 में 3,51000 नौकरियों की कटौती की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय सेवाओं में जितनी नौकरियां 2007 में थी उस स्तर पर पहुंचने में 2012 तक इंतजार करना पड़ सकता है। डॉटकॉम के बुलबुले को फुटने के बाद इस जगत में 15,000 नौकरियां चली गईं।
सीईबीआर का कहना है कि उधार संकट के कारण वित्तीय कॉरपोरेट, निवेश बैंकिंग व डेरिवेटिव्स सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। उधार संकट के कारण बैंकों को कोष जुटाने व फायदेमंद सौदे करने में मुश्किलें हो रही हैं। इस कारण से बैंकों का अधिग्रहण या एक-दूसरे के साथ मिलाने में काफी कठिनाई हो रही है।
सीईआरबी के अर्थशास्त्री रिचर्ड स्नूक कहते हैं, 'ऐसे में नौकरियों का जाना अनिवार्य हो जाता है।' सिटीग्रुप व लीमान ब्रदर्स होल्डिंग अपनी नौकिरियों में कटौती कर रहे हैं। उधार संकट के कारण रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ग्रुप ने अपने कॉरपोरेट यूनिट से 200 नौकरियां कम की हैं।