Skip to content
  रविवार 4 जून 2023
Trending
June 4, 2023सरकार ने लगाया 14 अन्य FDC दवाओं पर प्रतिबंध लगाया, कुछ कोडीन फॉर्मूलेशंस पर भी बैनJune 4, 2023EV स्टार्टअप जगत से निकलेगी भारत की अगली यूनिकॉर्न!June 4, 2023WTC Final से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए बुरी खबर, तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड टीम से बाहरJune 4, 2023Odisha train accident: अदाणी ग्रुप का बड़ा फैसला, ट्रेन हादसे में माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा देगा समूहJune 4, 2023Odisha Train Accident: ओडिशा के मुर्दाघरों में लगा लावारिस शवों का ढ़ेर, जगह की कमी, सरकार के सामने मुश्किलJune 4, 2023‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली में बदलाव के कारण हादसा हुआ, बचाव कार्य पूरा: रेल मंत्री वैष्णवJune 4, 2023ओडिशा ट्रेन हादसा : ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने शोक जतायाJune 4, 2023यूपी वालों के लिए खुशखबरी! राज्य के सभी 75 जिलों से दिल्ली के लिए चलेगी बसJune 4, 2023चालू वित्त वर्ष में यात्री वाहन खंड की वृद्धि दर घटकर 5-7 फीसदी रहने का अनुमान: TATA MotorsJune 4, 2023SUV सेगमेंट में चालू वित्त वर्ष में भी अग्रणी स्थिति कायम रखने का लक्ष्य : Mahindra Group CFO
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
   लेख   राजपथ से कर्तव्य पथ तक मोदी की राह
लेख

राजपथ से कर्तव्य पथ तक मोदी की राह

adminशेखर गुप्ता— September,11 2022 9:24 PM IST
Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Email

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेंट्रल विस्टा में जो बदलाव करा रहे हैं उसकी काफी आलोचना की जा रही है और कहा जा रहा है कि यह भी हमारे गणराज्य और 2014 के पहले के अतीत के प्रतीकों में बदलाव के उनके एजेंडे का ही हिस्सा है। हमें इस धारणा पर पुनर्विचार करना होगा कि राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर देना महज प्रतीकात्मक कदम है। ब​ल्कि यह पूरी तरह राजनीतिक कदम है। वर्षों से और खासकर 2019 में मोदी की दोबारा जीत के बाद से उनके आलोचक इस बात से खीझते रहते हैं कि मोदी पर कोई भी आरोप टिकता नहीं है।मैं इससे पहले भी एक बार इस बात का जिक्र कर चुका हूं कि अमेरिकी मुहावरे का प्रयोग करें तो मोदी को टेफ्लॉन कोटेड कहा जा सकता है। ब​ल्कि यह कहना अ​धिक उचित होगा कि मोदी टाइटेनियम जैसी सख्त धातु से बने हैं। नए सेंट्रल विस्टा की आलोचना में बहुत दम नहीं है। क्योंकि इससे पहले नोटबंदी, कोविड कुप्रबंधन, आ​र्थिक वृद्धि में पांच वर्ष तक ठहराव जैसी बातें भी उनकी छवि को धक्का नहीं पहुंचा सकीं। अगर आप मोदी विरोधी हैं तो उनका मुकाबला रखने की कोई उम्मीद रखने के लिए आपको समझना होगा कि वह कहां से आते हैं। पहली बात, वह वहां से नहीं आते जहां से उनके सर्वा​धिक मुखर आलोचक आते हैं। वह किसी सामाजिक, राजनीतिक, आ​र्थिक या बौद्धिक श​क्ति वाली पृष्ठभूमि से नहीं आते। उनके सीवी में किसी बड़े स्कूल या कॉलेज का जिक्र नहीं है, कोई विशिष्ट विरासत नहीं है, किसी लेखकीय रचना या छात्रवृ​त्ति का जिक्र भी नहीं है।मोदी को नापसंद करने वाले जिस बात को परवरिश के रूप में देखते हैं उसकी भरपाई वे इस रूप में करते हैं कि वह भारत पर शासन करने वाले शायद सर्वा​धिक पूर्णकालिक राजनेता हैं। यह दावा करना कठिन है और कई लोग उनकी इस बात से असहमत भी होंगे। लेकिन अगर आप हमारे पिछले सभी प्रधानमंत्रियों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो आप केवल इंदिरा गांधी को उनके करीब रख पाएंगे। हालांकि हम दलील दे सकते हैं कि मोदी उनसे भी अ​धिक सक्रिय राजनेता हैं। अपने कई कदमों और सत्ता के व्यवहार को लेकर अपने रुख में वह इंदिरा गांधी जैसे नजर आते हैं। हमें नहीं पता कि उन्होंने कभी उनके तौर तरीकों का अध्ययन किया है या फिर क्या वह उनसे प्रेरणा लेते हैं लेकिन यह बात ध्यान रहे कि नेहरू-गांधी परिवार में वह सबसे कम हमलावर इंदिरा गांधी पर ही रहते हैं।यहां तक कि आपातकाल पर हमला करते हुए भी वह वंशवाद का जिक्र करते हैं, इंदिरा गांधी का नहीं। नेहरू, राजीव, सोनिया, राहुल आदि हमेशा उनके निशाने पर रहते हैं। वह कभी इंदिरा गांधी के ​खिलाफ बोलते हुए नहीं नजर आते। ऐसे में एक कल्पना यह की जा सकती है कि शायद उन्होंने इंदिरा गांधी की शासन शैली का करीबी अध्ययन किया हो और सत्ता तथा शासन की उनकी शैली के प्रशंसक हों। राजपथ का सौंदर्यीकरण कर उसका नाम कर्तव्यपथ रखना इसकी पु​ष्टि करता है। आइए समझते हैं कैसे। मोदी ने कर्तव्यपथ नाम रखने का निर्णय क्यों लिया जबकि हम सभी जानते और मानते हैं कि एक संवैधानिक लोकतंत्र में यह राज्य या सरकार का दा​यित्व है कि वह नागरिकों के अधिकारों के बारे में विचार करे। कर्तव्य पर जोर देना दरअसल गेंद को नागरिकों के पाले में डाल देता है। भले ही जॉन एफ केनेडी ने बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में इस जुमले को अमर कर दिया हो कि ‘यह मत पूछो कि तुमने देश के लिए क्या किया…’ लेकिन यह केवल एक आकर्षक मुहावरा था। परंतु मोदी के मामले में यह उनकी राजनीति के केंद्र में है। अगर उनके आलोचकों ने इस बात पर ध्यान दिया होता कि सत्ता में आने के बाद से और खासकर दोबारा चुनाव जीतने के बाद से वह क्या ​कुछ लिखते और कहते रहे हैं तो उन्होंने देखा होता कि कैसे उनका जोर अ​धिकारों से कर्तव्यों की ओर बढ़ा है। दो अक्टूबर, 2019 को महात्मा गांधी की वर्षगांठ के अवसर पर उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे लेख में अपनी बात एकदम साफ कर दी थी। इन पं​क्तियों पर गौर कीजिए:‘जब दुनिया ने अ​धिकारों की बात की तो गांधी ने कर्तव्यों पर जोर दिया। उन्होंने यंग इंडिया में लिखा: कर्तव्य अ​धिकारों का वास्तविक स्रोत है। अगर हम सभी अपने कर्तव्यों को पूरा करें तो अ​​धिकार चाहने की जरूरत ही नहीं होगी।’ इसके बाद मोदी ने गांधी द्वारा हरिजन में लिखी बात का हवाला दिया: ‘जो व्य​क्ति अपने कर्तव्यों को भलीभांति पूरा करता है उसके पास अधिकार स्वत: आ जाते हैं।’यहां तीन बातें हैं। पहली बात, गांधी को शायद इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया गया। दूसरी बात, यह प्रेरणा सीधे श्रीमती गांधी से ली गई है और हम बताएंगे कैसे। तीसरी बात, उनके अ​धिकांश आलोचक उनसे इतने अ​धिक नाराज हैं कि वे शायद उनकी लिखी बातों पर भी ध्यान न दें। चाहे उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स में ही क्यों न लिखा हो। इस बात के महज सात सप्ताह बाद संविधान दिवस के अवसर पर संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने फिर कहा, ‘अधिकार और जिम्मेदारियां साथ-साथ चलती हैं। महात्मा गांधी ने इस बात को अच्छे से समझाया था। इस बात पर विचार करें कि हम अपने संविधान में उ​ल्लि​खित कर्तव्यों का पालन कैसे कर सकते हैं।’ नि​श्चित तौर पर कोई उन्हें यह याद दिलाने का साहस नहीं करेगा कि वह जिन कर्तव्यों की बात कर रहे हैं उन्हें आपातकाल के दौरान लोकसभा के अवैध छठे वर्ष में शामिल किया गया था। आपको लगता है कि कांग्रेस यह साहस करेगी? सरकार के कर्तव्यों की जगह नागरिक के कर्तव्यों की बात कहकर मोदी सारा दारोमदार नागरिकों पर डालना चाह रहे हैं। वह ऐसा करके संवैधानिक राज्य की परिभाषा भी बदल रहे हैं। वह महात्मा गांधी की तरह यह कह रहे हैं कि कर्तव्य के साथ अ​धिकार स्वयं आ जाएंगे।इस बात को बेहतर ढंग से समझने के लिए आपको संविधान का 42वां संशोधन गूगल करना होगा। इसे इंदिरा गांधी ने 1 सितंबर, 1976 को अंजाम दिया था जो एक छठे वर्ष में चल रही एक अवैध लोकसभा का कार्यकाल था। आपातकाल के दौरान इसकी अव​धि बढ़ाई गई थी। हम दशकों से यही बात करते आ रहे हैं कि इस संशोधन के जरिये संविधान की उद्दे​शिका में समाजवादी और पंथ निरपेक्ष शब्द जोड़े गए थे। जबकि हम सभी जानते हैं कि हम बहुत पहले से समाजवादी और पंथ निरपेक्ष हैं। असली बात कहीं और थी। बयालीसवें संशोधन को मिनी संविधान कहने की एक वजह है। इसमें 48 प्रमुख अनुच्छेदों और सातवीं अनुसूची को संशोधित करने का प्रयास किया गया। इसके अलावा इसमें चार अनुच्छेदों को प्रतिस्थापित करने तथा 13 अनुच्छेदों में नए उपखंड जोड़ने का प्रयास किया गया। लब्बोलुआब यह कि इसने भारत को विकेंद्रीकृत शासन व्यवस्था से संसद की संप्रभुता की व्यवस्था की ओर उन्मुख किया, पारित कानूनों की कानूनी निगरानी समाप्त की और प्रधानमंत्री को असीमित संप्रभु अधिकार दिए। जनता सरकार ने 43वें और 44वें संशोधन के जरिये इनमें से काफी बातों को समाप्त कर दिया। मिनर्वा मिल मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ को समाप्त किया। न्यायमूर्ति वाई वी चंद्रचूड ने अपने आदेश में लिखा, ‘संविधान में केवल तीन अनुच्छेद ऐसे हैं जो स्वाधीनता के उस स्वर्ग जिसमें टैगोर अपने देश को जागते देखना चाहते थे और निरंकुश सत्ता के बीच की दीवार हैं।’हम जानते हैं कि उद्दे​शिका में किए गए बदलाव को रद्द नहीं किया गया। नागरिक कर्तव्यों वाले अनुच्छेद को भी रहने दिया गया। शायद उसे निरापद माना गया। यानी कर्तव्यों को अ​धिकारों पर तवज्जो देने का मूल विचार इंदिरा गांधी का था और उसे बना रहने दिया गया। आज मोदी उसे राजनीतिक पूंजी के रूप में इस्तेमाल करना चाह रहे हैं।अगर मोदी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी उनके कदमों पर नजर रखते तो उन्हें मोदी की वह बात पता होती जिसके बारे में आप नहीं सुनते। वह बात यह है कि मोदी के कदमों का अनुमान लगाया जा सकता है। क्योंकि तब आपको दो बातें पता होतीं। पहली, यह कि वह कहां से आते हैं और दूसरी इस कर्तव्य पथ पर वह भारतीय नागरिकों को कहां ले जा रहे हैं। 

Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Email

संबंधित पोस्ट

  • Filter #1
  • More from author
अंतरराष्ट्रीय

US Federal Reserve: इंटरेस्ट रेट में फिर 0.50 फीसदी का इजाफा, 15 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंचीं

December 15, 2022 8:38 AM IST
अर्थव्यवस्था

MPC meet: जानिए RBI Monetary Policy review की मुख्य बातें

December 7, 2022 1:25 PM IST
अर्थव्यवस्था

RBI repo rate hike: लोन लेना हो सकता है और महंगा

December 7, 2022 12:18 PM IST
कंपनियां

Air India लगातार कर रही अपने नेटवर्क का विस्तार, 12 और विमान लीज पर लिए

December 5, 2022 7:23 PM IST
कंपनियां

Apple जल्द Samsung को पछाड़ बन जाएगी भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्यातक !

December 5, 2022 6:58 PM IST
कमोडिटी

सोना 316 रुपये चढ़ा, MCX पर कीमतें 54 हजार के ऊपर

December 5, 2022 1:29 PM IST
कमोडिटी

Rabi Season 2022: चने की बोआई ने पकड़ी रफ्तार

December 2, 2022 1:49 PM IST
आपका पैसा

ITR: अब जल्दी मिलेगा रिफंड, टैक्स के एडजेस्टमेंट में भी आएगी तेजी

December 2, 2022 1:05 PM IST
अन्य

प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़ा फैसला, एक जनवरी से दिल्ली-NCR में नहीं होगा डीजल ऑटो का रजिस्ट्रेशन

December 2, 2022 12:49 PM IST
अन्य

सिंधिया ने दिल्ली हवाई अड्डे पर ‘DigiYatra’ सुविधा लॉन्च की, अब आपका चेहरा ही होगा ‘बोर्डिंग पास’

December 1, 2022 4:14 PM IST
अर्थव्यवस्था

India’s Q2 GDP Growth: दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी की दर से बढ़ी देश की अर्थव्यवस्था

November 30, 2022 5:58 PM IST
अर्थव्यवस्था

Core Sector Growth: अक्टूबर में 8 कोर सेक्टर का उत्पादन घटकर 0.1 फीसदी रहा

November 30, 2022 5:37 PM IST
अर्थव्यवस्था

Fiscal Deficit : अप्रैल-अक्टूबर में बढ़ा फिस्कल डेफिसिट, बजट अनुमान का 45.6 प्रतिशत रहा

November 30, 2022 4:49 PM IST
आज का अखबार

सरकार ने लगाया 14 अन्य FDC दवाओं पर प्रतिबंध लगाया, कुछ कोडीन फॉर्मूलेशंस पर भी बैन

June 4, 2023 8:25 PM IST
आज का अखबार

EV स्टार्टअप जगत से निकलेगी भारत की अगली यूनिकॉर्न!

June 4, 2023 8:21 PM IST
खेल

WTC Final से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए बुरी खबर, तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड टीम से बाहर

June 4, 2023 7:39 PM IST
ताजा खबरें

Odisha train accident: अदाणी ग्रुप का बड़ा फैसला, ट्रेन हादसे में माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा देगा समूह

June 4, 2023 6:29 PM IST

Trending Topics


  • Market Updates
  • Stock Market Today
  • Stocks to Watch Today
  • MS Dhoni Knee Operation
  • US Debt Ceiling Bill
  • Gold-Silver Price
  • Apple iPhone
  • Bank of Maharashtra QIP
  • Rupee vs Dollar
  • Ashneer Grover

Latest News


  • सरकार ने लगाया 14 अन्य FDC दवाओं पर प्रतिबंध लगाया, कुछ कोडीन फॉर्मूलेशंस पर भी बैन
    by जतिन भूटानी
    June 4, 2023
  • EV स्टार्टअप जगत से निकलेगी भारत की अगली यूनिकॉर्न!
    by जतिन भूटानी
    June 4, 2023
  • WTC Final से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए बुरी खबर, तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड टीम से बाहर
    by जतिन भूटानी
    June 4, 2023
  • Odisha train accident: अदाणी ग्रुप का बड़ा फैसला, ट्रेन हादसे में माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा देगा समूह
    by जतिन भूटानी
    June 4, 2023
  • Odisha Train Accident: ओडिशा के मुर्दाघरों में लगा लावारिस शवों का ढ़ेर, जगह की कमी, सरकार के सामने मुश्किल
    by जतिन भूटानी
    June 4, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60431.00 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60431
380.06%
निफ्टी60431
380%
सीएनएक्स 50014954
130.08%
रुपया-डॉलर82.05
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.6017.08
IDBI Bank51.679.66
Guj. Ambuja Exp265.707.51
Welspun India80.936.40
Chola Financial600.304.48
Graphite India278.304.43
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.2017.07
F A C T320.8012.40
IDBI Bank51.709.77
Guj. Ambuja Exp265.557.66
Welspun India81.156.64
Ingersoll-Rand2763.055.53
आगे पढ़े  

# TRENDING

Market UpdatesStock Market TodayStocks to Watch TodayMS Dhoni Knee OperationUS Debt Ceiling BillGold-Silver PriceApple iPhoneBank of Maharashtra QIPRupee vs DollarAshneer Grover
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us