मुफ्त टीके से रुकेगी बरबादी | सोहिनी दास और ईशान गेरा / August 06, 2022 | | | | |
जून के मध्य में महाराष्ट्र में कोविशील्ड की 30.4 लाख खुराक बची थीं, जो अगस्त में एक्सपायर होने वाली थीं। कोवैक्सीन की 10,000 से कम खुराक थीं, जो जून में एक्सपायर यानी खराब होने वाली थीं। मगर 15 जुलाई से शुरू 75 दिन के मुफ्त बूस्टर अभियान में महाराष्ट्र ने बचे हुए सारे टीके खत्म कर लिए हैं और हर हफ्ते नए टीके भी मंगा रहा है।
आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर शुरू ‘अमृत महोत्सव’ मुफ्त टीका अभियान से कोविड टीके की लाखों खुराकें बरबाद होने से बच जाएंगी। बूस्टर खुराक की मांग अब काफी बढ़ गई है।
यकीन नहीं हो तो आंकड़े देख लीजिए। जुलाई के शुरुआती 14 दिन में 18 से 59 साल के लोगों को रोजाना औसतन 1.53 लाख टीके लग रहे थे। 15 जुलाई के बाद उसी उम्र के लोगों को रोजाना औसतन 18.6 लाख टीके लग रहे हैं। 3 अगस्त को तो कमाल ही हो गया, जब एक ही दिन में करीब 20.7 लाख टीके लग गए। टीकाकरण के लिए योग्य आबादी में से केवल 8 फीसदी लोगों ने 14 जुलाई तक बूस्टर टीका लगवाया था मगर अब उनका आंकड़ा 14 फीसदी हो गया है।
नतीजा यह है कि टीके खासकर कोविशील्ड की लाखों खुराकें इस अभियान के कारण बरबाद होने से बच सकती हैं। महाराष्ट्र के राज्य टीकाकरण अधिकारी सचिन देसाई ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि अब लगाए जा रहे बूस्टर टीकों में करीब 85 फीसदी कोविशील्ड के ही हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें केंद्र से लगातार टीके मिल रहे हैं। केंद्र कोविन के जरिये उपयोग और रोज की मांग पर नजर रखता है। हमें पिछली बार कोविशील्ड की लगभग 7 लाख खुराक मिली थीं और अगले सप्ताह 5 लाख और खुराक मिलने की हमें उम्मीद है।’ उन्होंने बताया कि नई खेप में आ रहे टीके भी दिसंबर में एक्सपायर होने वाले हैं।
देसाई ने कहा कि महाराष्ट्र ने फरवरी-मार्च से टीकों के नए ऑर्डर देना बंद कर दिया था। लेकिन 15 जुलाई से मुफ्त टीकाकरण की घोषणा के बाद टीका लेने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस आयु वर्ग में पहले रोजाना 60,000 टीके लगते थे मगर अब दोगुने यानी 1.2 लाख टीके रोज लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को रोजाना 15,000 और किशोरों को 10,000 टीके भी लगाए जा रहे हैं। हाल में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसएसआई) के पुणे संयंत्र में पहुंचे बिज़नेस स्टैंडर्ड संवाददाता ने कर्मचारियों को इस साल फरवरी-मार्च में बने टीके पैक करते देखा था। ये सभी टीके नवंबर-दिसंबर में एक्सपायर होने हैं। सीरम ने पिछले साल दिसंबर मे कोविशील्ड बनाना बंद कर दिया था क्योंकि तब उसके पास टीके की 25 करोड़ खुराक तैयार थीं और 25 करोड़ खुराक थोक की शक्ल में थीं। अब उसके पास करीब 20 करोड़ खुराक बची हैं और उसे उम्मीद है कि मुफ्त बूस्टर अभियान में 10 करोड़ टीके खप जाएंगे। सीरम के मुख्य कार्य अधिकारी अदार पूनावाला ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘करीब 10 करोड़ खुराकों का बरबाद होना तो तय है। इन 20 करोड़ खुराकों में से हम बूस्टर अभियान के लिए 5 से 10 करोड़ खुराक बचाने की कोशिश कर रहे हैं।’
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