आरबीएल बैंक ने आज बताया कि इस तिमाही में उसे कर हटाकर 201.16 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है जो कि पिछले साल 459.7 करोड़ के शुद्ध घाटे में था। जनवरी-मार्च की तिमाही के बाद निजी क्षेत्र की बैंक को 1.7 फीसदी का शुद्ध लाभ हुआ है। अप्रैल-जून में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 1,027.73 करोड़ रुपये थी, जो बीते वर्ष 969.5 करोड़ से छह फीसदी अधिक रही। शुद्ध ब्याज आय, ब्याज कमाने और ब्याज खर्च करने के बीच का अंतर होता है। बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन अप्रैल-जून में 4.36 फीसदी रही। समीक्षाधीन तिमाही के लिए, प्रावधानों और आकस्मिकताओं से पहले बैंक का परिचालन लाभ 529.12 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले के 766.14 करोड़ रुपये और एक तिमाही पहले 657.42 करोड़ रुपये से कम था। अप्रैल-जून में बैंक की कुल आय 2,702.91 करोड़ रुपये थी। जो पिछले वर्ष की 2,679.19 करोड़ रुपये की तुलना में काफी हद तक स्थिर रही। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आरबीएल बैंक की प्रावधानों और आकस्मिक देनदारी 81 फीसदी गिरावट के साथ 253 करोड़ रही जो बीते साल समान अवधि में 1384.36 करोड़ रुपये था। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी आर. एस कुमार बताते हैं, ‘परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है और हम इसे जारी रहने की उम्मीद करते हैं, इस साल ऋण लागत में तेजी से कमी देखी गई है, और हम कम से कम अगले 18-24 महीनों के लिए किसी भी इक्विटी पूंजी की परिकल्पना नहीं करते हैं।’
