अमेरिका को निर्यात पर केंद्रित देश के सभी दवा विनिर्माण संयंत्र 2022 में अमेरिकी औषधि नियामक यूएसएफडीए द्वारा निरीक्षण के लिए तैयार हैं। उद्योग और विश्लेषकों को इस मोर्चे पर काफी कुछ किए जाने की उम्मीद है। कुछ अनुमानों में कहा गया है कि यूएसएफडीए अमेरिकी बाजार में लॉन्च के लिए तैयार 20 से 30 फीसदी नई दवाओं के विनिर्माण संयंत्रों का निरीक्षण अचानक कर सकता है। पिछले दो वर्षों की वैश्विक महामारी के दौरान यात्रा पर पाबंदियों के कारण दवा विनिर्माण संयंत्रों का भौतिक तौर पर निरीक्षण काफी सीमित रहा। पिछले सप्ताह अमेरिका में उल्लेखनीय कारोबार वाली दो दवा कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई जिसे मुख्य तौर पर अमेरिकी औषधि नियामक द्वारा निरीक्षण के बाद कई आपत्तियों के साथ फॉर्म 483 जारी किए जाने से बल मिला। अरबिंदो फार्मा का शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर तक लुढ़क गया जबकि सन फार्मा के शेयर में करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज रिसर्च के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, 'कोविड से पहले यूएसएफडीए द्वारा भारत में मौजूद दवा विनिर्माण संयंत्रों के निरीक्षण की संख्या काफी बढ़ गई थी क्योंकि एएनडीए फाइलिंग में वृद्धि हो रही थी खासकर जटिल दवाओं के लिए। हमारा मानना है कि माहौल के सामान्य होने के साथ ही वह रुझान दोबारा दिखने लगेगा।' अमेरिकी औषधि नियामक द्वारा भारतीय दवा विनिर्माण संयंत्रों का औचक निरीक्षण शुरू हो गया है और इस क्षेत्र में काफी कुछ होने वाला है। हालांकि इस क्षेत्र पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा कि कुछ निरीक्षण के बाद यह खबर शेयर को प्रभावित नहीं करेगी। एक जानेमाने विश्लेषक ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'अमेरिकी बाजार को निर्यात करने वाले लगभग हरेक भारतीय औषधि विनिर्माण संयंत्र का दो साल के अंतराल पर निरीक्षण होने जा रहा है। इसलिए हम यह सुनने की उम्मीद कर सकते हैं कि कुछ संयंत्रों को अमेरिकी नियामक द्वारा कुछ आपत्तियों के साथ फॉर्म 486 जारी किए जा सकते हैं। ऐसे में जब तक कोई चेतावनी पत्र अथवा आयात अलर्ट पत्र जारी नहीं किया जाता है, तब तक इस प्रकार की नियमित खबरों से शेयर पर कोई खास असर पडऩे की आशंका कम है।' आमतौर पर यूएसएफडीए की निरीक्षण टीम के दौरे के बाद संयंत्र को कुछ आपत्तियों के साथ फॉर्म 483 जारी किए जाते हैं जिन्हें वे दुरुस्त करना चाहते हैं। एफडीए की आपत्तियों पर अपनी प्रतिक्रिया दिखते हुए कंपनी उपचारात्मक कार्रवाई करती है और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करती है। उसके बाद एफडीए संयंत्र का दोबारा निरीक्षण कर सकता है और सब कुछ संतोषजनक रहने पर अनापत्ति निरीक्षण रिपोर्ट जारी करता है। जब तक किसी संयंत्र को आयात अलर्ट जारी नहीं किया जाता है तब तक वहां से उत्पादित दवाओं का निर्यात जारी रहता है। यदि किसी संयंत्र को ऑफिशियल ऐक्शन इंडिकेटेड (ओएआई) जारी किया जाता है तो कंपनी उस संयंत्र से विनिर्मित किसी भी नई दवा की मंजूरी के लिए आवेदन नहीं कर सकती है।
