पड़ोसी देशों से निवेश पर खुलासा मानदंड कड़े | श्रीमी चौधरी / मुंबई May 08, 2022 | | | | |
सरकार ने उन देशों से निवेश चाहने वाली कंपनियों के लिए खुलासा मानदंडों को कड़ा कर दिया है, जो भारत की सीमा से सटे हुए हैं। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने प्रॉस्पेक्टस जारी करने और शेयर आवंटित करने के नियमों में संशोधन किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंपनियां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मानदंडों का अनुपालन कर रही हैं। इस कदम से भारत की मौजूदा निवेश मंजूरी व्यवस्था परिष्कृत होगी।
इन नए मानदंडों के तहत निवेश प्राप्त करने वाली इकाई (भारतीय फर्म) को यह बताना होगा कि मांगा गया निवेश सीमावर्ती देश से है या नहीं। निवेश प्राप्त करने वाली इकाई को अपने आवेदन में इस बात का उल्लेख करना होगा कि क्या प्रस्तावित शेयर आवंटन के लिए विदेशी विनिमय प्रबंधन नियमों के तहत मंजूरी की जरूरत है या नहीं और अगर है, तो क्या इसे ले लिया गया है और संलग्न किया गया है। यह शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण रोकने के लिए मंजूरी मार्ग के अंतर्गत वर्ष 2020 की संशोधित एफडीआई नीति के अनुरूप है।
इसके अनुसार इन देशों की ओर से किसी भी क्षेत्र के लिए एफडीआई प्रस्तावों को सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है। भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देश हैं चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान।
गुरुवार को जारी किए गए कंपनीज (प्रॉस्पेक्ट्स ऐंड अलॉटमेंट ऑफ सिक्योरिटीज) संशोधन नियम, 2022 के अनुसार, भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देश की किसी इकाई या नागरिक को किसी भी प्रतिभूति का कोई प्रस्ताव नहीं दिया जाए, जब तक कि विदेशी विनिमय प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) नियमों के अनुसार भारत सरकार से पूर्व मंजूरी हासिल न कर ली गई हो और 'प्राइवेट प्लेसमेंट ऑफर कम एप्लीकेशन लेटर' के साथ जमा न किया गया हो।
अप्रैल 2020 में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से भारत में निवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके लिए सरकार की मंजूरी अनिवार्य कर दी गई थी।
नांगिया एंडरसन एलएलपी में एमऐंडए साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की हालिया अधिसूचना कॉरपोरेट कानूनों को इस नीति के प्रतिबंध और मंजूरी की जरूरत के अनुसार समायोजित करती है। इन परिवर्तनों से निवेश करवाने वाली भारतीय कंपनी को अतिरिक्त प्रक्रियात्मक अनुपालन करना होगा, जिसके लिए उसे अपनी निजी प्लेसमेंट संबंधित फाइलिंग के साथ-साथ मंजूरी पेश करने की जरूरत होगी।
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