एयर इंडिया की दो निकासी उड़ानें यूक्रेन में फंसे 490 भारतीय नागरिकों को लेकर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से रविवार तड़के दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचीं। सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत ने यूक्रेन में रूसी सेना के आक्रमण के बीच वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए शनिवार को अभियान शुरू किया। पहली निकासी उड़ान एआई1944 से बुखारेस्ट से 219 लोगों को शनिवार शाम को मुंबई लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि दूसरी निकासी उड़ान एआई1942 बुखारेस्ट से रविवार तड़के करीब दो बजकर 45 मिनट पर 250 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली हवाईअड्डे पहुंची। उन्होंने बताया कि एयर इंडिया की तीसरी निकासी उड़ान एआई1940 हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से रवाना हुई और रविवार सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर 240 लोगों के साथ दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंची। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन की चौथी निकासी उड़ान के रविवार दोपहर बाद बुखारेस्ट से दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। प्रवक्ता ने बताया कि एयरलाइन की रविवार को बुखारेस्ट तथा बुडापेस्ट से दो और उड़ानों को संचालित करने की योजना है ताकि वे पांचवीं और छठी निकासी उड़ानें संचालित कर सकें लेकिन अभी यह संभावित है। इससे पहले सुबह नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यूक्रेन से लौटे भारतीयों को गुलाब का फूल देकर हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया। स्वदेश लौटे लोगों से सिंधिया ने कहा, 'मैं जानता हूं कि आप सभी बहुत, बहुत कठिन दौर से गुजरे हैं, बहुत कठिन समय रहा। लेकिन यह जान लीजिए कि प्रधानमंत्री हर कदम पर आपके साथ हैं, भारत सरकार हर कदम पर आपके साथ है और 130 करोड़ भारतीय हर कदम पर आपके साथ हैं।' यूक्रेन के अधिकारियों ने 24 फरवरी की सुबह यात्री विमानों के परिचालन के लिए अपने देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था, इसलिए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए ये उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से परिचालित की जा रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया और यूक्रेन-हंगरी सीमा पर पहुंचे थे, उन्हें भारत सरकार के अधिकारियों की मदद से सड़क मार्ग से क्रमश: बुखारेस्ट और बुडापेस्ट ले जाया गया ताकि उन्हें एयर इंडिया की उड़ान के जरिये स्वदेश लाया जा सके। सिंधिया ने बताया कि यहां पहुंचे यात्रियों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की के संपर्क में हैं तथा सभी की सुरक्षित वापसी के लिए बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि रूस की सरकार के साथ भी बातचीत चल रही है और भारत सरकार तभी चैन की सांस लेगी जब यूक्रेन से प्रत्येक भारतीय वापस आ जाएगा। मंत्री ने कहा, 'इसलिए कृपया यह संदेश अपने सभी मित्रों तथा सहकर्मियों तक पहुंचाएं कि हम उनके साथ हैं और हम उन्हें सुरक्षित वापस लाने की गारंटी देंगे।'भावुक हुए माता पिता दिल्ली हवाई अड्डे पर रविवार की सुबह भावनाओं का उफान देखने को मिला जब यूक्रेन से लौटे अपने बच्चों को देखकर उनके प्रतीक्षारत माता-पिता की चिंता खुशी में बदल गई और वे अपने बच्चों को सीने से लगाकर भावुक हो उठे। यूक्रेन में फंसे लोगों को लेकर दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने वाली यह तीसरी निकासी उड़ान थी। यूक्रेन से लौटे अपने बच्चों को पाकर माता-पिता ने उनका स्वागत फूलों, कार्ड और गर्मजोशी से गले लगाकर किया। हालांकि, दूसरी तरफ दर्जनों ऐसे भी माता-पिता हैं जिनके बच्चे अब भी युद्धग्रस्त देश में फंसे हुए हैं। सायरन बजते ही बंकर में छिपने को मजबूर इन भारतीय बच्चों के माता-पिता की आंखों से नींद गायब है। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से इन लोगों के दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचते ही माहौल भावुक हो गया। लौटने वाले बच्चे कई राज्यों के हैं, इसलिए राज्यों ने भी हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं। प्रथम वर्ष के मेडिकल छात्र शशांक सारस्वत ने अन्य लोगों के साथ उनकी वापसी के लिए भारत सरकार और दूतावास को धन्यवाद दिया। शशांक ने कहा, 'अब हम सुरक्षित हैं, लेकिन यूक्रेन में स्थिति तनावपूर्ण है।' भाषा लागत प्रति घंटा 7-8 लाख रुपयेयूक्रेन में फंसे सैकड़ों भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए संचालित की जा रही एयर इंडिया की उड़ानों पर सात-आठ लाख रुपये प्रति घंटे की दर से लागत आ रही है। एयर इंडिया रूस के हमले का सामना कर रहे यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों एवं अन्य नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए बड़े आकार वाले ड्रीमलाइनर विमानों का इस्तेमाल कर रही है। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि इस अभियान में ड्रीमलाइनर विमान की उड़ान पर प्रति घंटा करीब सात से आठ लाख रुपये खर्च हो रहे हैं।
