टाटा समूह ने एयर इंडिया के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की एक अन्य कंपनी (पीएसयू) नीलाचल इस्पात निगम (एनआईएनएल) की बोली जीत ली है। इससे सरकार की निजीकरण की मुहिम को तगड़ा प्रोत्साहन मिल रहा है। इससे यह भी पता चलता है कि केंद्र की परिसंपत्तियों में निजी क्षेत्र के नामी निवेशकों की तगड़ी रुचि है। विनिवेश पर वैकल्पिक व्यवस्था (एएम) ने एनआईएनएल में चार केंद्रीय पीएसयू और ओडिशा सरकार की दो कंपनियों की 93.7 फीसदी हिस्सेदारी टाटा स्टील लॉन्ग प्रॉडक्ट्स को 12,100 करोड़ रुपये में बेचने की मंजूरी दे दी है। इस एएम को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने विनिवेश से संबंधित फैसले लेने का अधिकार दिया है। इस वैकल्पिक व्यवस्था में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। नीलाचल की आरक्षित कीमत 5,616.97 करोड़ रुपये तय की गई थी, जिसे विनिवेश पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाले सचिवों के मुख्य समूह ने मंजूरी दी थी। दो अन्य बोलीदाताओं ने भी वित्तीय बोलियां जमा कराई थीं। ये जिंदल स्टील ऐंड पावर एवं नलवा स्टीड ऐंड पावर का कंसोर्टियम और जेएसडब्ल्यू स्टील हैं। एनआईएनएल में केंद्र की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी नहीं है, इसलिए इस बिक्री से सरकारी खजाने में कोई विनिवेश राशि नहीं आएगी। एनआईएनएल की प्रवर्तक एमएमटीसी है, जिसकी इसमें 49.78 फीसदी हिस्सेदारी है। अन्य केंद्रीय पीएसयू में एनएमडीसी की 10.10 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि मेकॉन और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स की 0.68-0.68 फीसदी हिस्सेदारी है। ओडिशा सरकार के स्वामित्व वाली इंडस्ट्रियल प्रमोशन ऐंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ ओडिशा (आईपीआईसीओएल) की एनआईएनएल में 12 फीसदी और ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन की 20.47 फीसदी हिस्सेदारी है। एनआईएनएल का ओडिशा के कलिंगनगर में 11 लाख टन क्षमता का एक समन्वित इस्पात संयंत्र है। एनआईएनएल को घाटा हो रहा है और इसका संयंत्र 30 मार्च 2020 से बंद है। कंपनी पर 31 मार्च 2021 को 6,600 करोड़ रुपये का कर्ज एवं देनदारियां थीं, जिनमें प्रवर्तकों के 4,116 करोड़ रुपये और बैंकों, अन्य ऋणदाताओं एवं कर्मचारियों का 1,741 करोड़ रुपये का बकाया शामिल है। टाटा स्टील लॉन्ग प्रॉडक्ट्स में टाटा स्टील लिमिटेड की 74.91 फीसदी हिस्सेदारी है। खरीदार बोली की 10 फीसदी राशि का भुगतान करेगा, जो एक एस्क्रो खाते में जमा की जाएगी। सरकार ने एक बयान में कहा कि टाटा स्टील लॉन्ग प्रॉडक्ट्स को रुचि पत्र जारी किया जा रहा है और उन्हें शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करने को आमंत्रित किया जा रहा है।
