भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) को शुरू करने की अनुमति दिए जाने के कदम को घरेलू म्युचुअल फंडों के लिए परिसंपत्तियां आकर्षित करने के लिए बड़े अवसर के तौर पर देखा जा रहा है।उद्योग के कारोबारियों का मानना है कि स्थानीय निवेशकों में बढ़ते आकर्षण को देखते हुए सिल्वर ईटीएफ में भी गोल्ड ईटीएफ की तरह लोकप्रिय बनने की संभावना है। नियो मनी के बिजनेस हेड स्वप्निल भास्कर ने कहा, 'सिल्वर ईटीएफ की पेशकश से स्टॉक एक्सचेंजों के जरिये जिंसों में निवेश के विकल्प बढ़ेंगे। इससे निवेशकों के लिए प्रतिभूति बाजार का दायरा बढ़ेगा। भारतीयों का स्वर्ण और चांदी खरीदारी के लिए हमेशा से गहरा लगाव रहा है। इन ईटीएफ की पेशकश से उन्हें चांदी खरीदारी का आसान तरीका मिलेगा।'अगस्त में, घरेलू एमएफ द्वारा पेश गोल्ड ईटीएफ की 16,350 करोड़ रुपये की औसत एयूएम थीं। वैश्विक तौर पर, कम से कम चार सिल्वर ईटीएफ की एयूएम 1 अरब डॉलर से ज्यादा की हैं। दुनिया के सबसे बड़े सिल्वर ईटीएफ आईशेयर्स सिल्वर ट्रस्ट की एयूएम 12 अरब डॉलर से ज्यादा की है।कई निवेशक पारंपरिक चांदी खरीदारी के मुकाबले ईटीएफ को पसंद करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से उन्हें इनकी शुद्घता और उसे रखने संबंधित चिंता नहीं होती है। इन ईटीएफ को पेशेवर वॉल्ट प्रबंधकों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। भारतीय द्वारा सोना और चांदी खरीदारी के उत्साह के बावजूद, पिछले 10 साल में चांदी ने कमजोर प्रतिफल दिया और इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।भारतीय सराफा एवं ज्वेलर संगठन (आईबीजेए) और जावेरी बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 10 साल में चांदी ने महज 1.3 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्घि दर का प्रतिफल दिया। अल्पावधि के दौरान यह प्रतिफल सुधरकर 5.5 प्रतिशत और पांच वर्षीय और तीन वर्षीय अवधियों में 17.2 प्रतिशत रहा। साल में अब तक चांदी का प्रतिफल करीब 28 प्रतिशत है।मॉर्निंगस्टार इंडिया के निदेशक (शोध) कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, 'सिल्वर ईटीएफ की पेशकश निवेशकों के लिए एक अन्य निवेश योग्य जिंस का अवसर लेकर आई है। सोना तथा अन्य कीमती धातुओं के ईटीएफ के साथ साथ सिल्वर ईटीएफ वैश्विक रूप से लोकप्रिय हो रहे हैं। निवेशकों को सोच-समझ कर अपना निवेश करना चाहिए, क्योंकि चांदी कीमतों में भी अन्य जिंस की तरह उतार-चढ़ाव रह सकता है।' सेबी ने कहा है कि सिल्वर ईटीएफ भी गोल्ड ईटीएफ के लिए मौजूदा नियामकीय व्यवस्था के अनुरूप कुछ खास सुरक्षा मानकों के साथ पेश किए जाएंगे।एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने कहा, 'माना जा रहा है कि नियामक द्वारा सिल्वर ईटीएफ के लिए फंड हाउसों को स्वयं की पारंपरिक चांदी बार्स बनाने की समान प्रणाली के साथ बने रहने की संभावना है। इस रणनीति का इस्तेमाल कर फंड निवेशकों को निवेशित धातु की ज्यादा वास्तविक कीमत देने में सक्षम हो सकता है।'
