प्रौद्योगिकी क्षेत्र के उद्यमी राजेश जैन एशिया में डॉट कॉम क्रांति के अग्रदूत रहे हैं। उन्होंने 1990 के दशक के उत्तरार्ध में भारत का पहला इंटरनेट पोर्टल तैयार किया था। उसके बाद उन्होंने भारत की सबसे बड़ी मार्केर्टिंग तकनीकी कंपनी को शुरू किया जो आज नेटकोर क्लाउड के नाम से जानी जाती है। यह कंपनी कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित स्वचालन एवं एलालिटिक्स समाधान उपलब्ध कराती है। पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से सफलता की ओर कदम बढ़ाते हुए नेटकोर क्लाउड आज 18 देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज कर रही है। वह 5,000 से अधिक ग्राहकों को अपनी सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी की मौजूदगी वाले प्रमुख देशों में भारत, अमेरिका, जर्मनी, नाइजीरिया, सिंगापुर, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। कंपनी दुनिया के शीर्ष विपणनकर्ताओं के लिए हर महीने 12 अरब से अधिक ईमेल डिलिवर करती है और 100 अरब से अधिक विपणन कार्यक्रमों पर नजर रखती है। कंपनी अब अगले 15 से 18 महीनों के दौरान अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के साथ पूंजी बाजार में गोता लगाने की तैयारी कर रही है। जैन ने कहा, 'हम 2022 तक आईपीओ लाने वाली भारत की पहली बिजनेस टु बिजनेस सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस अथवा सास (कंपनी) बनना चाहते हैं।' ग्राहकों को आकर्षित करने, उनके साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने और उन्हें बरकरार रखने के लिए नेटकोर क्लाउड की सेवाओं का उपयोग करने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और फ्लिपकार्ट शामिल हैं। ऐस अन्य ब्रांडों में मिंत्रा, मिस अमारा, एयरटेल, डिज्नी प्लस हॉटस्टार, कैनन, प्यूमा, टोबी, ईजमाई ट्रिप, पिज्जा हट और मैकडॉनल्ड्स शामिल हैं। जैन ने कहा, 'हमारा लक्ष्य अगले दो साल में वार्षिक आवर्ती राजस्व को दोगुना करते हुए 15 करोड़ डॉलर तक पहुंचाना है।' उन्होंने कहा, 'हमने भारत, दक्षिणपूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। अब हमारी योजना अमेरिका और यूरोप में तेजी से बढऩा है। इसके लिए हम विलय-अधिग्रहण और खुद के कारोबार के विकास के जरिये वृद्धि को रफ्तार देना चाहते हैं।' जैन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बंबई से 1988 में बीटेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) की डिग्री हासिल करने के बाद 1989 में न्यूयॉर्क के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एम. एस. किया। उन्होंने 1992 में अपना उद्यम स्थापित करने के लिए भारत लौटने से पहले दो साल तक अमेरिका के एनवाईएनईएक्स में काम किया। सासबूमी, मैकिंजी ऐंड कंपनी और नैसकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सास समुदाय के पास अगले 10 वर्षों मेंं 1 लाख करोड़ डॉलर के अवसर की क्षमता है।
