धातु शेयरों में तेजी फीकी पडऩे से टाटा स्टील का बाजार पूंजीकरण एक फिर से टाइटन के पूंजीकरण के मुकाबले नीचे आ गया है। इस महीने के शुरू में, इस्पात दिग्गज ने टाइटन को पीछे छोड़कर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के बाद टाटा समूह में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी का दर्जा हासिल किया था। गुरुवार को, टाटा स्टील 1.32 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ बंद हुआ जो टाइटन के 1.41 लाख करोड़ रुपये के पूंजीकरण के मुकाबले कम है। पिछले दो सप्ताहों में, टाटा स्टील का बाजार पूंजीकरण 11 मई के 1.48 लाख करोड़ रुपये के सर्वाधिक ऊंचे स्तरों से करीब 11 प्रतिशत कमजोर हो चुका है। समान अवधि में टाइटन का बाजार पूंजीकरण 11 प्रतिशत चढ़ा। 11.76 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ टीसीएस अपने समूह में शीर्ष पर बनी हुई है और समूह के संयुक्त बाजार पूंजीकरण में उसका करीब 70 प्रतिशत योगदान है। राजस्व और परिसंपत्तियों के संदर्भ में अपेक्षाकृत छोटी कंपनी टाइटन ने इससे पहले मार्च 2015 में टाटा स्टील के बाजार पूंजीकरण को पीछे छोड़ दिया था। टाटा स्टील की शेयर कीमत में ताजा गिरावट की मुख्य वजह चीनी अधिकारियों द्वारा कीमत वृद्घि के खिलाफ देश में धातु उत्पादकों को चेताए जाने के बाद इस्पात कीमतों में आई नरमी है। चीन के नैशनल डेवलपमेंट ऐंड रिफॉर्म कमीशन ने कंपनियों से 'नॉर्मल मार्केट ऑर्डर' बनाए रखने का अनुरोध किया है। इससे धातु कीमतों में वैश्विक गिरावट को बढ़ावा मिला। चीन दुनिया का सबसे बड़ा इस्पात उपभोक्ता है और वैश्विक मांग में उसका करीब 55 प्रतिशत योगदान है। दूसरी तरफ, टाइटन को स्वर्ण कीमतों में आई तेजी की वजह से मजबूती मिली है और इससे उसके आभूषण खंड के राजस्व एवं मुनाफे को मदद मिलने की संभावना है। वित्त वर्ष 2021 के उसके समेकित राजस्व में इस खंड का 89 प्रतिशत योगदान रहा। स्वर्ण कीमतें पिछले दो महीने में करीब 12 प्रतिशत तक चढ़ी हैं और सोने की कीमत करीब चार महीने के ऊंचे स्तर पर है। टाइटन को स्वर्ण हॉलमार्किंग अनिवार्य बनाए जाने के सरकार के ताजा कदम से ताकत मिली है। इसकी वजह से कंपनी को फ्रेगमेंटेड आभूषण बाजार में भागीदारी बढ़ाने में मदद मिल सकती है। हालांकि ताजा गिरावट के बावजूद, टाटा स्टील देशव्यापी लॉकडाउन के बाद समूह में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में से एक बनी हुई है।
