सरकार टीके के लॉजिस्टिक प्रबंधन में जुटी हुई है, जो दुनिया के सबसे बड़े अभियान में से एक है। ऐसे में प्रौद्योगिकी दिग्गज गूगल ने लोगों को टीकों के बारे में समय पर, सटीक और विज्ञान आधारित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं। कंपनी का कहना है कि यह इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि टीके, इसकी जरूरत और इसके असर के बारे में गलत तथा भ्रामक जानकारी इस सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान को गंभीर रूप से कमजोर कर सकती है। चूंकि सरकार बड़े स्तर पर टीकाकरण लागू करने संबंधी प्रक्रियाओं को सक्रिय कर रही है, इसलिए गूगल की टीमें टीके से संबंधित सवाल पूछने वाले लोगों को आधिकारिक और समय पर जानकारी मुहैया कराने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही हैं। कंपनी ने टीकाकारण अभियान से संंबंधित इस विज्ञान-आधारित विवरण को विस्तृत करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ काम किया है। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रैपिड रिस्क रिस्पॉन्स टीम के साथ मिलकर भी काम कर रही है, जो पूरे क्षेत्र और भाषाओं में सोशल मीडिया लिस्निंग टूल का इस्तेमाल करते हुए गलत जानकारी की निगरानी कर रही है। कुल मिलाकर यह कंपनी टीकों और वैश्विक महामारी की प्रतिक्रिया पर विज्ञान-आधारित संदेश देकर गलत जानकारी का सामना कर रही है। कंपनी ने कहा 'भले ही हमारा देश धीरे-धीरे सामान्य कार्य और जीवन पर लौट रहा हो, लेकिन कोविड-19 बहुत-से लोगों के लिए एक सचाई बना हुआ है।' कंपनी का कहना है कि टीकाकरण की शुरुआत आशा की किरण है, खास तौर पर अब दूसरा चरण जारी रहने से जिसमें संभवत: 10 करोड़ लोगों को लक्षित किया जा रहा है, जो इससे लाभ उठा सकते हैं। टीकाकरण के पहले चरण की शुरुआत के कुछ ही समय बाद विश्वसनीय जानकारी पाने में लोगों की मदद करने के लिए कंपनी ने गूगल सर्च में सूचना पैनल शुरू किए थे, जो कोविड टीके से संबंधित सवालों पर प्रकाश डालते हैं। ये पैनल इन दो टीकों के संबंध में विवरण, कारगरता, सुरक्षा, वितरण और दुष्प्रभावों जैसी समेकित जानकारी प्रदान करते हैं। ये अंग्रेजी और आठ भारतीय भाषाओं (तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, मराठी, गुजराती, बांग्ला और हिंदी) में उपलब्ध हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से ली जाती है तथा आम तौर पर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब उपलब्ध कराए जाते हैं और पूरे हुए टीकाकरण से संबंधित तत्काल के आंकड़े प्रदर्शित किए जाते हैं। यह अतिरिक्त स्थानीय संसाधनों के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट के लिंक भी प्रदान करती है। गूगल की टीमों ने वेबसाइट के पृष्ठ लोड होने के समय में सुधार और उपयोगकर्ताओं को तीव्रता से जानकारी पाने में सक्षम बनाते हुए मोबाइल दर्शकों के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट को अनुकूल करने में भी मदद की है। गूगल का कहना है कि उसने पूर्व वर्णित आठ भारतीय भाषाओं में उनके टीकाकरण स्रोत वाले पृष्ठों को स्थानीय स्तर पर लाने में भी मदद की है। कंपनी ने यूट्यूब पर भी सूचना देने वाले पैनलों की शुरुआत की है और यूट्यूब के होमपेज पर भी एक बैनर है। ये दोनों स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रमुख स्रोत पर ले आते हैं। इसमें यूट्यूब के होमपेज पर मंत्रालय से बार-बार पूछे जाने वाले वीडियो की सुविधा भी है। देश भर के हजारों अस्पतालों में 1 मार्च से संवेदनशील लोगों के लिए टीकाकरण शुरू हुआ था। कंपनी गूगल सर्च, मैप्स और गूगल असिस्टैंट पर टीकाकरण केंद्रों की जानकारी सटीकता से लाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ काम कर रही है और आने वाले कुछ सप्ताह में इसकी शुरुआत होने की उम्मीद है।
