तेजी के बीच इलिक्विड शेयरों में सिकुडऩ | सचिन मामबटा / मुंबई February 17, 2021 | | | | |
एक्सचेंज जिन शेयरों की ट्रेडिंग के लिए विशेष सत्र का आयोजन करता है वैसे शेयरों की सूची पिछले छह महीने में सिकुड़ गई है। मार्च व जून 2020 के बीच इलिक्विड शेयरों की संख्या 420 से 440 हो गई थी। यह संयोग से कोविड के प्रसार पर लगाम कसने के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान हुआ।
बीएसई के दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक, यह संख्या करीब 20 फीसदी घटकर 342 रह गई है। स्वतंत्र बाजार विश्लेषक एस पी तुलस्यान के मुताबिक, इलिक्विड शेयरों में कमाई की संभावना तलाशने वाले खुदरा निवेशकों के लिए यह शायद ही आसान होता है क्योंकि ज्यादातर कंपनियों के फंडामेंटल को शायद ही ट्रैक किया जाता है।
तुलस्यान के मुताबिक, पर्याप्त रिसर्च के बिना ऐसी कंपनियों में निवेश से पहले दो बार सोचना चाहिए क्योंकि इनमें नुकसान की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे निवेशक खुद ही अपनी कब्र खोदते हैं।
चूड़ीवाला सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक आलोक सी चूड़ीवाला ने कहा, जिन निवेशकोंं को लगता है कि शेयर बाजार की हालिया तेजी के दौरान उन्होंने मौका गंवा दिया तो उन्हें कंपनियों में निवेश के प्रति सतर्क रहना चाहिए ताकि हाथ जलाने से बचा जा सके।
उन्होंने कहा, जब बाजार में इस तरह का अनियंत्रित उत्साह होता है तब कई निवेशक (खास तौर से पहली बार बाजार में उतरने वाले) चवन्नी शेयरों के प्रति खासे आकर्षित हो जाते हैं।
किसी शेयर को तब अलिक्विड घोषित किया जाता है जब नियामक की तरफ से तय कई शर्तें पूरी नहीं होती। इनमें पिछले छह महीने में ट्रेड हुए शेयरों की रोजाना औसत वैल्यू पिछले छह महीने में 2 लाख रुपये से कम हो गई हो, जैसे मानक शामिल हैं। इनमें उन कंपनियों को शामिल नहीं किया जाता जिनकी वैल्यू 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
हम इस सूची में लाभांश का भुगतान करने वाली या पिछले तीन में से दो साल लाभ में रहने वाली, प्रवर्तक ने अपना 20 फीसदी से ज्यादा शेयर गिरवी न रखा हो और कंपनी के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों पर न्यूनतम मानक को पूरा करने वाली कंपनी को छांट सकते हैं।
इलिक्विड घोषित शेयरों के लिए एक्सचेंज विशेष सत्र का आयोजन करता है। यह खरीदार व विक्रेता को एक तय अवधि में ऑर्डर का मौका देता है। इसकी भी सीमा होती है कि एक दिन में ये शेयर कितना चढ़ सकता है।
इलिक्विड शेयरों की गतिविधियों मेंं इजाफा ऐसे वक्त मेंं होता है जब बाजार में नए निवेशक बड़ी संख्या मेंं उतरते हैं। दिसंबर 2020 में निवेशकों के खाते बढ़कर 4.98 करोड़ हो गए। जून 2020 मेंं यह संख्या 4.32 करोड़ थी। छह महीने में कुल 66 लाख खाते जुड़े क्योंकि शेयर बाजार में महामारी के निचले स्तर से बढ़ोतरी दर्ज हुई। यह जानकारी सेबी के आंकड़ों से मिली।
24 मार्च, 2020 को एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स 25,638.9 अंक के निचले स्तर को छू गया था। मंगलवार को यह अब तक के सर्वोच्च स्तर 52,516.76 अंक पर पहुंच गया।
सोने में 717 रुपये और चांदी में 1,274 रुपये की गिरावट
वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिररावट के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी के सराफा बाजार में बुधवार को सोना 717 रुपये की गिरावट के साथ 46,102 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, इससे पहले मंगलवार को सोना 46,819 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी भी 1,274 रुपये की गिरावट के साथ 68,239 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई, जिसका पिछला बंद भाव 69,513 रुपये प्रति किलो था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, सोने की वैश्विक कीमत में गिरावट के अनुरूप दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 717 रुपये की गिरावट आई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,786 डॉलर प्रति आउंस था जबकि चांदी 27.10 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। भाषा
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