सोने की मांग 25 साल में सबसे कम | पुनीत वाधवा / नई दिल्ली January 28, 2021 | | | | |
कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान भारत में सोने की मांग घटकर 446 टन रह गई जो पिछले 25 वर्षों का निचला स्तर है। वर्ष 2019 में देश में सोने की मांग 690.4 टन रही थी। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की ओर से जारी एक ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।
वल्र्ड गोल्ड काउंसिल प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा, 'इससे पहले 1997 में सोने की मांग इस स्तर पर दिखी थी। उस साल देश में सोने की मांग 462 टन थी।'
समीक्षाधीन अवधि के दौरान आभूषणों की कुल मांग भी 42 फीसदी घटकर 315.9 टन रह गई। जबकि साल 2019 में यह आंकड़ा 544.6 टन रहा था। डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों से पता चलता है कि मूल्य के लिहाज से साल 2020 में आभूषणों की मांग एक साल पहले के मुकाबले करीब 22 फीसदी घटकर 1,33,260 करोड़ रुपये रह गई।
सोमसुंदरम ने कहा, 'कोविड संबंधी देशव्यापी लॉकडाउन और पूरे साल कीमतों में तेजी के कारण भारत में सोने की मांग 2020 में करीब एक तिहाई घट गई। हालांकि मूल्य के लिहाज से देखा जाए तो यह गिरावट काफी कम थी। मूल्य के लिहाज से मांग 2020 में एक साल पहले की तुलना में 14 फीसदी कम रही क्योंकि लगभग पूरे साल कीमतें 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास रहीं जो 2019 की कीमतों के मुकाबले 34 फीसदी अधिक है।'
दिसंबर तिमाही से जगी उम्मीद
लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों, त्योहारी अवधि और आगामी शादी के मौसम के कारण मांग में सुधार हुआ है और दिसंबर 2020 तिमाही के दौरान आभूषण की मांग 137.3 टन रही। डब्ल्यूजीसी ने कहा कि यह 2020 में सोने की मांग के लिहाज से सबसे मजबूत तिमाही रही। निवेश संबंधी मांग में भी काफी लचीलापन दिखा जो दिसंबर 2020 तिमाही के दौरान 8 फीसदी बढ़कर 48.9 टन हो गई।
कुल मिलाकर, दिसंबर 2020 तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग इससे पिछले साल के मुकाबले 4 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 186.2 टन रही। जबकि साल 2019 की दिसंबर तिमाही के दौरान देश में सोने की मांग 194.3 टन रही थी। हालांकि मूल्य के लिहाज से मांग सालाना आधार पर 26 फीसदी बढ़कर 82,790 करोड़ रुपये हो गई। पूरे साल सोने की कीमतों में तेजी बरकरार रहने से मूल्य के लिहाज से मांग में वृद्धि दिख रही है।
वैश्विक परिदृश्य
डब्ल्यूजीसी ने कहा है कि 2020 के दौरान सोने की वैश्विक मांग 14 फीसदी घटकर 3,759.6 टन रह गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनोवायरस वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक व्यवधान से 2020 के दौरान उपभोक्ता मांग में कमी आई। साल 2009 के बाद यह पहला अवसर था जब सालाना आधार पर इस पीली धातु की वैश्विक मांग 4,000 टन के स्तर से नीचे फिसल गई। वैश्विक स्वर्ण समर्थित ईटीएफ (गोल्ड ईटीएफ) की होल्डिंग 2020 के दौरान 877.1 टन बढ़ी जो साल के अंत में 3,751.5 टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई।
साल के दौरान सोने की कुल वार्षिक आपूर्ति को भी झटका लगा और वह 4 फीसदी घटकर 4,633 टन रह गई जो 2013 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। डब्ल्यूजीसी के अनुसार, यह गिरावट मुख्य तौर पर कोरोनोवायरस संबंधी व्यवधान के कारण आई। इसकी भरपाई 2020 के दौरान रीसाइक्लिंग में 1 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,297.4 टन से हुई। दिसंबर 2020 तिमाही के दौरान सोने की मांग सालाना आधार पर 28 फीसदी घटकर 783.4 टन रह गई जो पिछले 11 वर्षों का निचला स्तर है। इस प्रकार यह जून 2008 के बाद सबसे कमजोर तिमाही रही। सोने के आभूषणों की मांग इस दौरान 13 फीसदी घटकर 515.9 टन रह गई। पूरे साल के लिए सोने के आभूषणों की मांग 2019 के मुकाबले 34 फीसदी घटकर 1,411.6 टन रही।
सोमसुंदरम ने कहा, 'आगे चलकर कैलेंडर वर्ष 2021 सोने के लिए अच्छा रहना चाहिए। वैश्विक बाजारों में कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों का पूरा असर फिलहाल नहीं दिखा है। ऐसा होने के बाद सोने की मांग उसका असर दिखेगा क्योंकि निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित परिसंपत्तियों में रुचि बढ़ेगी।'
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