देश के दो अग्रणी टीका निर्माता - भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुखों के बीच वाकयुद्घ के बाद दोनों के बीच सुलह हो गई है। दोनों ने आज संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे भारत और दुनिया भर में कोविड-19 टीके को सुगमतापूर्वक लाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। दोनों कंपनियों को पिछले हफ्ते टीके के प्रतिबंधित उपयोग के लिए आपात मंजूरी मिली थी। मंजूरी प्रक्रिया को लेकर विशेषज्ञों के एक वर्ग द्वारा सवाल खड़े करने के बाद दोनों फर्मों के बीच वाक-युद्घ छिड़ गया था। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अदार पूनावाला ने एक टेलीविजन चैनल पर कहा था कि दुनिया में केवल तीन टीके (फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका) ही हैं, जो असरदार हैं, बाकी अन्य 'पानी की तरह' सुरक्षित साबित हुए हैं। इस पर भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि उनकी फर्म ऐस्ट्राजेनेका की तरह परीक्षण करती तो दवा नियामक 'कंपनी बंद कर' देता। सरकार ने इस विवाद को हल्के में नहीं ले सकती थी और दिल्ली में मौजूद टीके की प्रक्रिया पर नजर रखने वाले शीर्ष अधिकारी ने दोनों फर्मों को बुलाया और उन्हें जनता के बीच एकजुटता दिखाने को कहा। सोमवार को मायूस नजर आ रहे एल्ला ने मीडिया से कहा था कि उनके कोवैक्सीन टीके को 'उत्कृष्ट' एनिमल चैलेंज अध्ययन के डेटा और 25,000 से अधिक लोगों पर इसके सुरक्षित रहने के आधार पर मंजूरी दी गई थी। ब्रिटेन में वायरस के नए किस्म के प्रसार को देखते हुए एल्ला का मानना है कि उनका टीका असरदार साबित होगा क्योंकि इसे संपूर्ण वायरस प्लेटफॉर्म को निष्क्रिय करने के आधार पर तैयार किया गया है। जहां तक डेटा का सवाल है तो इसके लिए एक हफ्ते का वक्त चाहिए। दोनों फर्मों के पास फरवरी तक कोविड-19 टीके की कम से कम 7 करोड़ खुराक तैयार हो जाएगी और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए सरकार द्वारा टीकाकरण अभियान शुरू करने में ये अहम भूमिका अदा करेंगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'मंजूरी को लेकर लड़ाई और विवाद से निश्चित तौर पर देश की छवि पर असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं, जनता के बीच टीके को लेकर धारणा भी प्रभावित हो सकती है। नियामक को मंजूरी के पीछे तार्किकता के बारे में बताना चाहिए।' दोनों कंपनियों ने भारत तथा दुनिया भर में कोविड-19 टीके के विकास, निर्माण और आपूर्ति के लिए साझी प्रतिबद्घता जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनके समक्ष सबसे महत्त्वपूर्ण काम लोगों के जीवन और आजीविका को बचाना है। टीका वैश्विक जन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए है और उनके पास लोगों की जान बचाने तथा आर्थिक गतिविधियों को शीघ्रता से पटरी पर लाने की ताकत है। एल्ला और पूनावाला के हस्ताक्षर वाले संयुक्त बयान में कहा गया है, 'भारत में दो टीके के आपात उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में अब ध्यान इसके विनिर्माण, आपूर्ति व वितरण पर है कि आबादी के जिस हिस्से को इसकी सबसे अधिक जरूरत है, उसे उच्च गुणवत्तायुक्त, सुरक्षित व प्रभावी तरीके से टीका मिले।' पूनावाला ने संयुक्त बयान जारी करने के बारे में ट्वीट किया, वहीं भारत बायोटेक अपने ट्वीटर हैंडल पर बयान जारी किया है।
