सरकार ने कम से कम 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए बिजनेस टु कंपनी (बी2सी) लेनदेन पर जनवरी से ई-रसीद अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी की है। इस समय कम से कम 500 करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए ई-रसीद अनिवार्य है। इसे अक्टूबर से अनिवार्य किया गया था और इसमें चूक करने वाली कंपनियों पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। केपीएमजी में पार्टनर हरप्रीत सिंह ने कहा, 'इस कदम से अर्थव्यवस्था का और ज्यादा हिस्सा ई-रसीद के दायरे में आएगा। इन कदमों और प्रस्तावित ईवे बिल और ई इनवाइसिंग से स्वत: जीएसटी रिटर्न के माध्यम से सरकार धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से डिजिटलीकरण और कागजरहित अनुपालन के मकसद की ओर बढ़ रही है।' ईवाई में टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा, 'विभिन्न सरकारी अधिकारियों के हाल के कम्युनिकेशन के मुताबिक ई-इनवाइसिंग अब उन कंपनियों के लिए अधिसूचित किया गया है, जिनका सालाना कारोबार 100 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा है। अब सिर्फ 50 दिन बचे हैं ऐसे में मझोले आकार की इन कंपनियों को आईटी व्यवस्था और प्रक्रिया तेज करनी होगी, जिससे कि इस नए इनवाइसिंल नियम का अनुपालन किया जा सके।' इस व्यवस्था के तहत कंपनियों को यूनीक इनवाइस रेफरेंस पोर्टल के माध्यम से ई-रसीद बनानी होगी और आईआरएन (इनवाइस रेफरेंस नंबर) निकालना होगा। ऐसा न कर पाने पर संबंधित कंपनियां बिजनेस टु बिजनेस (बी2बी) लेनदेन में सामान की आवाजाही करने में सक्षम नहीं होंगी। सरकार अगले साल 1 अप्रैल से सभी कंपनियों के लिए ई-रसीद की प्रक्रिया अनिवार्य करने की योजना बना रही है।
