सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित देनदारों के लिए आरबीआई की तरफ से पेश योजना के तहत उसके कर्ज (करीब 36,000 करोड़ रुपये) के 6-7 फीसदी हिस्से का पुनर्गठन हो सकता है। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राजकिरण राय जी ने कहा कि बैंक ने आंतरिक तौर पर आकलन कर लिया है। मोटे तौर पर अनुमान है कि यह 6-7 फीसदी हो सकता है और कामत समिति के मानदंडोंं के आधार पर इनमें बदलाव हो सकता है। सही तस्वीर सितंबर तिमाही की समाप्ति पर ही उभरेगी। तीन अहम लेनदारों कॉरपोरेट, एमएसएमई और खुदरा में कर्ज का पुनर्गठन होगा। आरबीआई की योजना के तहत सिर्फ मानक कर्ज (30 दिन तक के बकाए समेत) ही पुनर्गठन के पात्र होंगे। जून 2020 के आखिर में यूनियन बैंक की सकल उधारी 6,50,127 करोड़ रुपये थी। इसमें आंन्ध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का लोन पोर्टफोलियो शामिल है, जिनका 1 अप्रैल को यूनियन बैंक के साथ विलय हो गया। इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक, भारत में बैंक 8.4 लाख करोड़ रुपये यानी मार्च 2020 के कुल उधारी करीब 7.7 फीसदी हिस्से का पुनर्गठन कर सकते हैं।आयशर मोटर्स का शेयर विभाजन प्रभावी आयशर मोटर्स का शेयर सोमवार को 10 फीसदी उछलकर 2,389 रुपये को छू गया जब उसके शेयरों का विभाजन प्रभावी हुआ, जिसमें 1 शेयर को 10 शेयरों में विभाजित किया गया है। शेयर हालांकि बढ़त कायम नहीं रख पाया और अंत में 0.23 फीसदी की बढ़त के साथ 2,177 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी ने 25 मई को शेयर विभाजन की घोषणा की थी ताकि छोटे खुदरा निवेशक इसे खरीद सकें और नकदी बढ़े। शेयर विभाजन से पहले यह शेयर 20,000 रुपये से ऊपर कारोबार कर रहा था और इस तरह से यह सबसे ज्यादा कीमत वाले शेयरोंं में से एक था। ज्यादा कीमत वाले अन्य शेयरों में पेज इंडस्ट्रीज शामिल है, जिसका शेयर सोमवार को 20,892 रुपये पर बंद हुआ जबकि एमआरएफ का शेयर 59,777 रुपये पर। बीएस
