डिफॉल्टरों की संपत्तियां जब्त करेगा येस बैंक | अभिजित लेले / मुंबई July 31, 2020 | | | | |
निजी क्षेत्र का ऋणदाता येस बैंक फंसे कर्ज की वसूली के लिए अब ज्यादा आक्रामक कदम उठाएगा। बैक ने इसे लेकर उसी तरह की रणनीति अपनाने की योजना बनाई है जैसी कि उसने अनिल अंबानी समूह के मामले में अपनाई है। बैंक ने बकाया नहीं चुकाने की वजह से वित्तीय राजधानी में स्थित इस समूह के मुख्यालय पर कब्जा जमा लिया है। येस बैंक के प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'आगामी महीनों में आप विभिन्न श्रेणियों के कर्जदारों के संबंध में ऐसे और उदाहरण देखेंगे। समाधान और वसूली प्रक्रिया के तहत बैंक को कानूनी प्रक्रिया पर अमल करने की जरूरत होगी। बैंक ने वसूली के लिए प्रत्येक खाते (फंसे कर्ज) पर कार्रवाई करनी शुरू की है।'
बैंक ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा बकाया का भुगतान नहीं किए जाने की वजह से दक्षिण मुंबई में दो फ्लैटों पर कब्जा जमा लिया है।
कुमार ने कहा कि येस बैंक कई अन्य मामलों में भी कुछ संपत्तियों पर कब्जा जा रहा है। हालांकि उन्होंने इससे संबंधित कर्जदारों के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में सकल एनपीए 17.3 प्रतिशत पर दर्ज किया गया, जो मार्च 2020 में 16.8 प्रतिशत था। जीएनपीए अनुपात अग्रिमों में गिरावट की वजह से तिमाही आधार पर बढ़ा है। बिक्री में कमजोरी, ताजा ऋण वितरण के अभाव जैसे कारणों की वजह से अग्रिमों में गिरावट दर्ज की गई है।
पहली तिमाही के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि इसकी सालाना आधार पर तुलना सही नहीं थी, क्योंकि बैंक को चार महीने पहले मोरेटोरियम से जूझना पड़ा। तिमाही आधार पर तुलना सही होगी। बैंक ने जमाओं और पूंजी निवेश में वृद्घि दर्ज की है।
वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में येस बैंक का शुद्घ लाभ 45.44 करोड़ रुपये था जबकि वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में उसे 3,668.3 करोड़ रुपये के शुद्घ नुकसान का सामना करना पड़ा था।
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