निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने अपने कारोबारी रफ्तार को सहारा देने और कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक अवरोध के झटके को सहने के लिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। बैंक के निदेशक मंडल ने एक या एक से अधिक चरणों में प्रतिभूति जारी कर 150 अरब रुपये यानी 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी। बैंक इसके लिए निजी नियोजन, तरजीही इश्यू, पात्र संस्थागत नियोजन, एफपीओ आदि का इस्तेमाल कर सकता है। इसके लिए बैंंक को हालांकि पोस्टल बैलेट के जरिए शेयरधारकों की मंजूरी लेनी होगी और इसके लिए नियामकीय मंजूरी की भी दरकार होगी। बैंक ने बीएसई को यह जानकारी दी। बीएसई पर बैंक का शेयर आज 1.81 फीसदी टूटकर 368.90 रुपये पर बंद हुआ। इस प्रस्ताव के साथ आईसीआईसीआई बैंक निजी क्षेत्र के अन्य बैंकों के समूह में शामिल हो गया, जिन्होंने ऐसा ही कदम उठाया है। हाल में ऐक्सिस बैंक को अपने निदेशक मंडल से 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी मिली है। कोविड के अवरोध के बीच अपना पूंजी आधार मजबूत करने के लिए बैंक कई प्रतिभूतियों के जरिए यह रकम जुटाएगा। एचडीएफसी बैंक के निदेशक मंडल ने भी अतिरिक्त टियर-1 व टियर-2 बॉन्डों के जरिए 50,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी है। मई में फस्र्ट बैंक ने भी कहा था कि उसकी योजना प्रवर्तकों समेत अन्य निवेशकोंं से करीब 2,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की है। कोटक महिंद्रा बैंक ने भी इस साल मई में पात्र संस्थागत नियोजन के जरिए करीब 7,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एचडीएफसी अपनी कारोबारी योजना व समूह की इकाइयों के लिए इक्विटी फंड जुटाने के लिए शेयरधारकों से मंजूरी पाने की प्रक्रिया में है। आईसीआईसीआई बैंक अपनी बीमा सहायकों की हिस्सेदारी बेचकर 3,090 करोड़ रुपये जुटा चुका है। बैंंक ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की 1.5 फीसदी हिस्सेदारी 840 करोड़ रुपये में बेची जबकि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की 3.96 फीसदी हिस्सेदारी 2,250 करोड़ रुपये में बेची।
