सड़क क्षेत्र में निवेश को गति देने के मकसद से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने आईएलऐंडएफएस के साथ करीब 650 करोड़ रुपये के मध्यस्थता दावे का निपटान किया है, इसमें सुलह के माध्यम से करीब 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं। एनएचएआई के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि एनएचएआई ने कंपनी की ओर से 800 करोड़ रुपये की मांग में से 70 प्रतिशत से कम दावों का समाधान मध्यस्थता प्रक्रिया के माध्यम से करने का फैसला किया। एनएचएआई ने कहा कि कंपनी के 650 करोड़ रुपये के दावे में से 150 करोड़ रुपये पर काम हो चुका है। यह ऐसे समय में हुआ है, जब एनएचएआई ने अटकी हुई परियोजनाओं का समाधान लंबी चलने वाली मध्यस्थता के बजाय सुलह के माध्यम से करने का फैसला किया है। इससे एजेंसी पर कर्ज का बोझ कम होगा, जो विशेषज्ञों के मुताबिक इस वित्त वर्ष के अंत तक 2.5 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है।
