फ्रांस की बंदरगाह संचालक कंपनी सीएमए सीजीएम भारत में भंडारण और शीत भंडार शृंखला के क्षेत्र में कारोबार करने की योजना बना रही है। कंपनी की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 15 फीसदी है। सीएमए सीजीएम एजेंसीज (इंडिया) प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक औद्रे डोल्हन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, 'भंडारण, शीत भंडार शृंखला और हरित आपूर्ति-शृंखला (बिजली वाहन/नवीकरणीय पैकेजिंग सामग्री) में निवेश करने के लिए कई निवेशकों के साथ हमारी बातचीत चल रही है।' वर्तमान में भारत में कंपनी के छह कंटेनर फ्रेट स्टेशन हैं, जिनमें से ज्यादातर बंदरगाह टर्मिनलों के आसपास हैं। इसके अलावा, सीएमए सीजीएम देश में दूसरी ऐसी वैश्विक टर्मिनल संचालक कंपनी है जो डीपी वल्र्ड के बाद माल परिवहन (लॉजिस्टिक)क्षेत्र में अपना दखल बढ़ाने पर विचार कर रही है। डोल्हन ने कहा, निवेश की मात्रा परियोजना की जरूरत पर निर्भर करती है। यही वजह है कि अभी निवेश की सीमा निर्धारित नहीं की गई है। दुबई स्थित डीपी वल्र्ड की योजना भारत में दस लाख डॉलर निवेश करने की है। उसने भी लॉजिस्टिक को ही प्रमुखता दी है, जिसके बाद उसके कंटेनर का शुद्घ नौवहन कारोबार का नंबर आता है। डोल्हन ने कहा, भारत ने लॉजिस्टिक क्षेत्र के विकास के लिए बहुत अधिक प्रयास किया है। इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर उतरने का यह सबसे उपयुक्त समय है। इसकी वजह है कि सरकारी नियमनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं और ग्राहक नए सिरे से आपूर्ति-शृंखला रणनीति को समझ रहे हैं। इस क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए, सरकार ने नवंबर में लॉजिस्टिक क्षेत्र को बुनियादी ढांचे की श्रेणी में शामिल किया था, जिसके अंतर्गत भंडारण सुविधाओं के साथ ही शीत भंडार क्षेत्र भी आता है। वर्ष 2018 के बहुत अधिक आशावान नहीं होने के बावजूद भारत में कंटेनर नौवहन कारोबार के लिए, इस वैश्विक टर्मिनल संचालक की योजना अपने बाजार हिस्सेदारी को 16.5 फीसदी तक बढ़ाने की है। डोल्हन ने इसे स्पष्टï करते हुए बताया कि, इसके लिए हम और अधिक क्षमता बढ़ाने नहीं जा रहे हैं क्योंकि हमारा लक्ष्य अतिरिक्त आपूर्ति पैदा कर मालवाहक दरों पर दवाब डालने की नहीं है। बाजार को स्थायी और मजबूत रखने के साथ ही हमारा ध्यान अपनी मौजूदा क्षमताओं के लिए सेवाओं के विस्तार पर है। हम अभी भी वास्तविक सेवाओं की सीमा तय कर रहे हैं लेकिन नई सेवाओं के जरिये हम बाजार में सर्वाधिक हिस्सेदारी वाली कंपनी होंगे। भारत में सीएमए सीजीएम ने समुद्री कारोबार के लिहाज से पिछले पांच वर्षों में अपना कारोबार दोगुना तक बढ़ा लिया है। आज, यह समूह भारत में दस लाख टीईयू के साथ कंटेनर का कारोबार कर रही है। कंपनी भारत में 14 मुख्य सेवाओं का संचालन कर रही है जिसमें अदानी पोट्ïर्स की साझेदारी में मुंद्रा, पीपावाव, न्हावा शेवा, कोच्चि, चेन्नई आदि कुल सात गेटवे बंदरगाह और गोवा, मंगलूरु और तूतीकोरिन आदि कुल छह फीडर बंदरगाह शामिल हैं। भारत के साथ संपर्क में मजबूती लाने के लिए, इसकी कंटेनर लाइन ने भारत से पूर्व भूमध्यसागर (इंडियामेड), मध्य पूर्व खाड़ी (इंडियागल्फ) की तरफ सीधी सेवा की शुरुआत की और सीमेक्स सेवा पर दो नए छोरों के साथ भारत-एशिया सेवा को बढ़ाया है। वर्तमान में, सिंगापुर की पीएसए इंटरनैशनल पीटीई लिमिटेड, जिनेवा-स्थित टर्मिनल निवेश लिमिटेड एसए, दुबई स्थित डीपी वल्र्ड लिमिटेड और एपीएम टर्मिनल्स मैनेजमेंट बीवी आदि भारत में मौजूद वैश्विक टर्मिनल संचालक हैं। सीएमए के पास दुनिया भर में 12 टर्मिनल हैं, लेकिन भारत में कंटेनर बंदरगार में इसकी कोई उपस्थिति नहीं है।
