स्वीडन की लग्जरी कार विनिर्माता वॉल्वो कार्स ने कहा है कि भारत में 2025 तक उसकी करीब 80 फीसदी बिक्री इलेक्ट्रिक कारों की हो सकती है जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा लगभग 50 फीसदी होगा। कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर काफी उत्साहित है क्योंकि सरकार द्वारा की गई नीतिगत पहल के कारण वैकल्पिक ईंधन के मुकाबले यह 43 फीसदी सस्ते होंगे।
वॉल्वो कार्स इंडिया के प्रबंध निदेशक चाल्र्स फ्रम्प ने आज चेन्नई में एक नई डीलरशिप और एस60 मॉडल का अनावरण करने के बाद कहा कि लक्जरी श्रेणी इलेक्ट्रिक वाहन में बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगी। हालांकि उन्होंने आगाह किया कि सरकार को नीतियों में बदलाव नहीं करना चाहिए। फ्रम्प ने कहा, ‘जिस तरह की नीति अभी है उसे बनाए रखना महत्त्वपूर्ण होगा क्योंकि यह अच्छी नीति है और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मैंने अपनी पूरी रणनीति भारत की नीतियों के अनुरूप तैयार की है जिसके तहत पूरी तरह इलेक्ट्रिक होने पर जोर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि यहां की ईवी नीति नॉर्वे से बेहतर है।
इलेक्ट्रिक वाहन पर वॉल्वो का जोर कंपनी की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह डीजल से पेट्रोल एवं इलेक्ट्रिक वाहन की ओर रुख करना चाहती है। पिछले जनवरी में वॉल्वो ने एक्ससी-40 एसयूवी को पेट्रोल मॉडल में लॉन्च किया था और अब उसने एस60 का अनावरण किया है जिसकी कीमत लगभग 45.9 लाख रुपये है। अन्य मॉडलों में एस90 शामिल है जो एक सिडैन कार है। इसके अलावा एक्ससी-90 को डीजल मॉडल में भी उतारा गया है और धीरे-धीरे उसे पेट्रोल मॉडल में भी उतारा जाएगा।
फ्रम्प ने कहा, ‘हम पेट्रोल और ईवी पर काफी निवेश कर रहे हैं।’ वह भारत में अपने 3.5 साल के कार्यकाल के बाद वैश्विक जिम्मेदारी संभालेंगे। फ्रम्प की जगह ज्योति मल्होत्रा लेंगे।
