पिछले साल के निचले आधार पर जून में सभी श्रेणियों में वाहन पंजीकरण 22.62 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि जून 2019 के मुकाबले कुल पंजीकरण में 29 प्रतिशत की गिरावट आई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
इस महीने के दौरान कुल 12,17,151 इकाइयों का पंजीकरण हुआ, जबकि पिछले साल इसी महीने में 9,92,610 इकाइयों का पंजीकरण कराया गया था। हालांकि ये आंकड़े पिछले साल के आंकड़े से तुलना करने योग्य नहीं हैं, क्योंकि देशव्यापी लॉकडाउन के बाद जून पहला ही महीना था। फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि मौजूदा महीने (जुलाई) में यात्री वाहनों की बुकिंग और पूछताछ के लिहाज से अच्छा रुझान दिख रहा है।
गुलाटी ने कहा ‘जून की तुलना में जुलाई के पहले सप्ताह में यात्री वाहनों की बुकिंग में औसतन 20 प्रतिशत की उछाल रही है। अगर यह रुख जारी रहती है और तीसरी लहर नहीं आती है, तो हम न केवल जुलाई 2020 के आंकड़ों की ही पार कर लेंगे, बल्कि जुलाई 2019 के आंकड़े को भी पार कर लेंगे।’
दक्षिण के राज्यों को छोड़कर इस महीने अधिकांश राज्य फिर से खुलने लगे थे। इस वजह से उद्योग में तेज मांग नजर आई, जो राज्यों के लॉकडाउन के कारण फंस गई थी।
खुदरा वाहन विक्रेताओं के इस शीर्ष संगठन को उम्मीद है कि जून से यह सकारात्मक गति आगे तक जारी रहेगी। फाडा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी से मांग पर दबाव पड़ रहा है। चिपों की कमी के कारण बेमेल आपूर्ति यात्री वाहनों के विकास को रोक रहा है। गुलाटी ने कहा कि अगर सेमीकंडक्टर की कमी वाली बात नहीं होती, तो वृद्धि 20 प्रतिशत तक अधिक होती। एक तरफ जहां वायरस के नए म्यूटेंट और अगस्त में तीसरी लहर की भविष्यवाणी धारणा को प्रभावित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दो सप्ताह के विराम के बाद जुलाई में मॉनसून के जोर पकडऩे और टीकाकरण अभियान की बेहतर दर कुछ आशा का निर्माण कर रही है।