मनु भाकर ने रविवार को Paris Olympics में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को ओलंपिक में पहला मेडल दिलाया। वह शूटिंग में ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। शूटिंग में भारत का आखिरी ओलंपिक मेडल 2012 के लंदन ओलंपिक में आया था, जब विजय कुमार ने रैपिड फायर पिस्टल में सिल्वर और गगन नारंग ने 10 मीटर एयर राइफल में ब्रॉन्ज जीता था।
टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफिकेशन राउंड में पिस्टल में खराबी आने के बाद मनु काफी निराश हो गई थीं। लेकिन इस बार उन्होंने पूरी तरह से अलग प्रदर्शन किया। टोक्यो के बाद संन्यास लेने के विचार से लेकर पेरिस में ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल तक, मनु खेल में वापसी की एक बेहतरीन मिसाल बन गईं।
मनु क्वालीफिकेशन राउंड में 580 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहीं और फाइनल में 221.7 के स्कोर के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता।
वह दक्षिण कोरिया की किम येजी से 0.1 अंक आगे रहकर सिल्वर मेडल की दौड़ में थीं, लेकिन आखिरी शॉट में मनु ने 10.3 का स्कोर किया, जबकि किम ने 10.5 का स्कोर करके सिल्वर मेडल जीत लिया। दक्षिण कोरिया की ओह ये जिन ने ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने कुल 243.2 का स्कोर किया, जो विटालिना बत्सार्खकिना के पिछले रिकॉर्ड 240.3 से बेहतर है।
मनु भाकर की सफलता की कहानी
हरियाणा के झज्जर की रहने वाली मनु भाकर को बचपन से ही खेल-कूद का शौक था। टेनिस, स्केटिंग, बॉक्सिंग और थंग-ता जैसे खेलों में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। साल 2016 में रियो ओलंपिक देखने के बाद 14 साल की मनु को शूटिंग में दिलचस्पी हुई। एक हफ्ते के अंदर ही उन्होंने अपने पिता रामकिशन भाकर को स्पोर्ट्स पिस्टल खरीदने के लिए मना लिया और उनकी शूटिंग की यात्रा शुरू हो गई।
साल 2017 में मनु ने देश को चौंका दिया जब उन्होंने ओलंपियन हेना सिद्धू को हराकर नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप जीती। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में 242.3 के रिकॉर्ड स्कोर के साथ जीत हासिल की।
इसके बाद उन्होंने एशियन जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया। 2018 एशियाई खेलों में उन्होंने 25 मीटर एयर पिस्टल की क्वालीफिकेशन राउंड में गेम्स रिकॉर्ड बनाया लेकिन वह मेडल से चूक गईं और छठे स्थान पर रहीं।
साल 2018 के यूथ ओलंपिक में मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय शूटर और महिला एथलीट बनीं। कोच जसपाल राणा के मार्गदर्शन में उन्होंने ओलंपिक चयन ट्रायल टी4 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में शीर्ष स्थान हासिल किया और एशियाई खेलों की चैंपियन पलक को 4.4 अंकों के बड़े अंतर से हराया।