म्युचुअल फंड

Bandhan MF ने उतारा नया हेल्थकेयर फंड, ₹100 की SIP से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसा?

भारत का हेल्थकेयर खर्च फिलहाल GDP का केवल 5.4% है, जबकि अमेरिका में यह 16.5% है

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अंशु   
Last Updated- November 10, 2025 | 6:04 PM IST

NFO Alert: बंधन म्युचुअल फंड ने सोमवार को बंधन हेल्थकेयर फंड लॉन्च किया है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो हेल्थकेयर, फार्मा और इससे जुड़ी सेवाओं में निवेश करेगी। इस फंड का मकसद भारत के सबसे तेजी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक — हेल्थकेयर सेक्टर — में मौजूद अवसरों को भुनाना है। इसके दायरे में अस्पताल, डायग्नोस्टिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, बायोटेक्नोलॉजी, वेलनेस, हेल्थ-टेक और अन्य संबंधित उद्योग शामिल हैं। यह न्यू फंड ऑफर (NFO) 10 नवंबर यानी आज से निवेश के लिए खुल चुका है और 24 नवंबर तक खुला रहेगा। इसके बाद यह फंड 2 दिसंबर से कंटिन्यू खरीद और बिक्री के लिए फिर से खुलेगा।

Bandhan Healthcare Fund

फंड का नाम – बंधन हेल्थकेयर फंड

फंड टाइप – ओपन-एंडेड इक्विटी सेक्‍टोरल फार्मा

NFO ओपन डेट – 10 नवंबर, 2025

NFO क्लोजिंग डेट – 24 नवंबर, 2025

मिनिमम लंपसम निवेश – ₹1,000 और उसके बाद ₹1 के मल्टीपल में

मिनिमम SIP निवेश – ₹100 और उसके बाद ₹1 के मल्टीपल में

एग्जिट लोड – 30 दिन से पहले भुनाने पर 0.5%

बेंचमार्क – BSE Healthcare TRI

रिस्क लेवल – बहुत ज्यादा जोखिम (Very High Risk)

फंड मैनेजर – विराज कुलकर्णी और ब्रिजेश शाह

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क्या है इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी?

स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, निवेश का मकसद हासिल करने के लिए यह फंड एक्टिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर चलेगा। फंड के पास विभिन्न मार्केट कैप कैटेगरी (लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप) में निवेश करने की लचीलापन होगी। फंड मैनेजर मुख्य रूप से बॉटम-अप एप्रोच का पालन करेगा।

शेयरों को चुनते समय फंड फंड मैनेजर निम्नलिखत बातों पर विशेष ध्यान देगा —

  • बिजनेस की बुनियादी स्थिति (फंडामेंटल्स),
  • बिजनेस मॉडल की मजबूती और ग्रोथ की संभावनाएं
  • मैनेजमेंट की क्वालिटी और गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स
  • कंपनी की फाइनैंशियल हेल्थ
  • मार्केट में उसकी लीडरशिप पोजिशन।

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फंड कहां करेगा निवेश?

यह हेल्थकेयर फंड अपने एसेट का एलोकेशन कुछ इस प्रकार से करेगा —

  • 80% से 100% तक इक्विटी और इक्विटी से जुड़े ऐसे निवेशों में लगाएगा जो हेल्थकेयर, फार्मा और इससे जुड़े क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों से संबंधित हों।
  • 0% से 20% तक अन्य इक्विटी और इक्विटी से जुड़े निवेशों (जिसमें विदेशी प्रतिभूतियां भी शामिल हैं) में निवेश किया जा सकता है।
  • 0% से 20% तक डेट सिक्योरिटीज और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जा सकता है।
  • 0% से 10% तक REITs (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) और InvITs (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) द्वारा जारी यूनिट्स में निवेश किया जा सकता है।

हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश क्यों करें?

हेल्थकेयर अब सिर्फ अस्पतालों या दवाओं तक सीमित नहीं रह गया है। यह अब तेजी से बढ़ता हुआ एक वृहद इकोसिस्टम बन चुका है, जिसमें डायग्नोस्टिक्स, वेलनेस और न्यूट्रिशन, बायोटेक्नोलॉजी, एनालिटिक्स, मेडिकल उपकरण, हेल्थ-टेक और कई अन्य सेक्टर शामिल हैं — जो बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए लगातार विस्तार कर रहे हैं।

भारत का हेल्थकेयर खर्च फिलहाल GDP का केवल 5.4% है, जबकि अमेरिका में यह 16.5% है।

आने वाले दो दशकों में जब भारत की औसत आयु 28 वर्ष से बढ़कर 38 वर्ष हो जाएगी, तब खर्च का बड़ा हिस्सा हेल्थकेयर, क्रॉनिक बीमारियों और प्रिवेंटिव केयर की ओर शिफ्ट होने की संभावना है।

भारत की बुजुर्ग होती आबादी और बढ़ती आय का स्तर हेल्थकेयर सेक्टर में लगातार और लॉन्ग टर्म मांग को बढ़ा रहे हैं। यह सेक्टर 2008 से 2023 के बीच 16% की CAGR की दर से बढ़कर 372 अरब डॉलर के आकार तक पहुंच गया है।

फिर भी, भारत में प्रति व्यक्ति हेल्थकेयर खर्च अब भी काफी कम है, जिससे भविष्य में बेहद बड़ी विकास संभावनाएं बनी हुई हैं। निवेशकों के लिए, हेल्थकेयर सेक्टर एक मजबूत स्ट्रक्चरल ग्रोथ अपॉर्च्युनिटी के रूप में उभर रहा है।

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किसे करना चाहिए निवेश?

यह फंड उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, जो लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं और भारत के तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर इकोसिस्टम का हिस्सा बनना चाहते हैं।

इस फंड में निवेश करने पर विचार करें, यदि….

आप ऐसे उच्च-विकास संभावनाओं वाले सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं, जो उम्रदराज होती आबादी, पुरानी बीमारियों और बढ़ती स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच जैसे लॉन्ग टर्म रुझानों से प्रेरित है।

आप एक थीमैटिक रणनीति के साथ विविधता लाना चाहते हैं, जो विकास की संभावनाओं के साथ-साथ डिफेंसिव (सुरक्षात्मक) विशेषताएं भी प्रदान करती है।

आप अल्पकालिक उतार-चढ़ाव (वोलैटिलिटी) के साथ सहज हैं और व्यापक बाजार फंड्स की तुलना में संभावित रूप से अधिक लॉन्ग टर्म रिटर्न की तलाश में हैं।


(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published : November 10, 2025 | 5:57 PM IST