वाहन क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से विनिर्माताओं को उच्च स्थानीय सामग्री के साथ नई प्रौद्योगिकी लाने में मदद मिलेगी। सरकार ने पिछले सप्ताह वाहन क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को अधिसूचित किया है।
वाहन कलपुर्जा बनाने वाली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इससे चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से आयात घटाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी कंपनियां भारत में अपनी विनिर्माण इकाइयां लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगी। इससे भारत एक निर्यात केंद्र बन सकता है। वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं के संगठन (एक्मा) के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 में भारत ने 13.8 अरब डॉलर मूल्य के वाहन कलपुर्जों का आयात किया जबकि समान अवधि में 13.3 अरब डॉलर मूल्य के कलपुर्जों का निर्यात किया।
विशेषज्ञों ने कहा कि पीएलआई से व्यापार घाटे को पूरा करने में मदद मिलेगी जो वित्त वर्ष 2021 में 0.5 अरब डॉलर रहा। कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 29 फीसदी पर सबसे अधिक रही जबकि उसके बाद 13 फीसदी के साथ दक्षिण कोरिया और 10 फीसदी के साथ जर्मनी का स्थान रहा। शेष 48 फीसदी में जापान, अमेरिका, थाईलैंड, सिंगापुर एवं अन्य शामिल रहे। भारी उद्योग विभाग (डीएचआई) अगले कुछ दिनों में पीएलआई योजना में शामिल कलपुर्जों की एक विस्तृत सूची जारी करेगा। उसके बाद कलपुर्जा विनिर्माता इस योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। उनके आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद निवेश संबंधी निर्णय लिए जा सकते हैं।
मिंडा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन निर्मल के. मिंडा ने कहा, ‘हम इस साल के अंत तक सारी प्रक्रिया को पूरा करने की उम्मीद करते हैं।’ मिंडा वैकल्पिक ईंधन प्रणाली, एयर फिल्टरेशन सिस्टम, स्विच, सेंसर एक्ट्यूएटर और उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली (एडीएएस) सहित विविध प्रकार के कलपुर्जों का उत्पादन करती है। उसे पीएलआई योजना का एक प्रमुख लाभार्थी माना जा रहा है। उन्होंने बैटरी चार्जर एवं कंट्रोलर और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) में उपयोग किए जाने वाले कई अन्य पुर्जों का हवाला देते हुए कहा कि यह योजना नई प्रौद्योगिकी के स्थानीयकरण की रफ्तार बढ़ाएगी और निर्यात को बढ़ावा देगी। ल्यूमैक्स इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक दीपक जैन ने कहा, ‘इससे संयुक्त उद्यम में निवेश को बढ़ावा मिलेगा जैसा कि हमने हाल के वर्षों में देखा है। इससे केवल मदद मिलेगी क्योंकि इस योजना में राजस्व से जुड़े लक्ष्य निर्धारित हैं।’ ल्यूमैक्स वाहन श्रेणी में 60 फीसदी हिस्सेदारी को नियंत्रित करती है। कंपनी के पास लाइटिंग उत्पाद व शिफ्टर की व्यापक शृंखला है और इसलिए उसे इस योजना का फायदा मिलेगा।
मिंडा कॉरपोरेशन के मुख्य कार्याधिकारी आकाश मिंडा ने कहा कि कंपनी टेलीमैटिक्स, ईवी उपकरण एवं एडीएएस में प्रौद्योगिकी साझेदारी की संभावनाएं तलाश रही है। मिंडा कॉरपोरेशन को स्टार्टर मोटर, सिक्योरिटी सिस्टम एवं वायरिंग हारनेस में विशेषज्ञता प्राप्त है।
जेडएफ इंडिया के अध्यक्ष सुरेश केवी ने कहा, ‘यह योजना मेक इन इंडिया और सभी पिछली योजनाओं के अनुरूप है।’ क्रिसिल रिसर्च के निदेशक हेमल ठक्कर ने कहा कि परिवार द्वारा संचालित अधिकतर वाहन कलपुर्जा फर्म और बहुराष्ट्रीय कंपनियां इस योजना के लिए पात्र होंगी। उन्होंने कहा, ‘यह वाहन कलपुर्जा उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करती है।’
